कभी तुम पास मेरे आया तो करो
मिलकर मुझे गले लगाया तो करो।
पत्थर हो रही है आंखे इंतजार में
आकर इनको पिघलाया तो करो।
मेरी मासूमियत की सब दाद देते है
किस्से हमारे उनको बताया तो करो।
हम तुम अकेले अपने अपने शहर
चांद से कोई चिट्ठी भिजवाया तो करो
बीतने लगे एक लम्हें में बरस कई कई
यादों में आ ऐसा गुल खिलाया तो करो।-
अब रहा नहीं जाता तुमसे दूर रह कर
सब सहा नहीं जाता तुमसे दूर रह कर।
तन्हाई को सब मेरी माशूका समझते है
कुछ कहा नहीं जाता तुमसे दूर रह कर।
करनी होती है जमाने के हुक्म की तामील
पर सहा नहीं जाता तुमसे दूर रह कर।
मेरा आईना भी पूछता अब तेरा हाल है
दुःख गहा नहीं जाता तुमसे दूर रह कर।
सुर्ख पड़ गई है निगाहें तुमसे दूर रह कर
उनसे बहा नहीं जाता तुमसे दूर रह कर।-
आदमी तो अच्छे दिखाई पड़ते हो
झंझटों के झमेले में क्यों पड़ते हो
जिसे राख होना था वो जल गया
बदले की आग में क्यों पड़ते हो।
नफ़रत से ही तो मिटेगी दुनिया ये
जानते हुए भी इसमें क्यों पड़ते हो।
हाँ! जुल्मी है दुनिया ये बहुत मगर
जुल्म करने में तुम क्यों पड़ते हो।
मोहब्बत ही आखिरी आस है बस
इसमें सोचते दिखाई क्यों पड़ते हो।-
मुझको इतना प्यार करना यारा
मुझपे जां निसार करना यारा ।
टूटेंगे सारे कसमें वादे फिर भी
मुझ पर ऐतबार करना यारा।
कुछ कमियां तो रहेगी ही सदा
इसको तुम स्वीकार करना यारा।
जब कभी इश्क दर्द बन जाए
तुम इसका उपचार करना यारा।
हम दो जिस्म एक जान हो जाए
ऐसा कुछ उपकार करना यारा।-
मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे बुलाने से आए
जगाऊ तलब ऐसी की मिलते बहाने से आए।
बस लगे उन्हें की मैं एक अच्छा हूं आदमी
जब भी आए तो एक पाक बहाने से आए।
जमाने के जख्मों से घायल पड़े है सारे लोग
पास आए मेरे तो इलाज के बहाने से आए।
सुना हैं मैंने तो अकेलेपन को भी रोते हुए
पास मेरे वो आए तो खुशी के बहाने से आए।
लगता है हो गई है चाहत इस जमाने को मेरी
पूछा करता है आए तो किस बहाने से आए।-
हर दिन की तरह इस दिन का भी जश्न मनाया जाए
जो हो रहा है इस पल में उसी का जश्न मनाया जाए।
खो जाती है कई लम्हें मंजिल के इस लंबे सफर में
वो जब भी याद आए तभी उनका जश्न मनाया जाए।
वो जिसकी फिक्र है छुपा है भविष्य की गहराई में
डरना नहीं बल्कि उसके होने का जश्न मनाया जाए।
हां! काली रात भी और काली हो जाएगी एक दिन
अभी सवेरा है तो इस सवेरे का जश्न मनाया जाए।
कभी शायरी पढ़ कर कभी गजलों को सुन कर
इस जिंदगी का गुनगुना कर जश्न मनाया जाए।।-
तुम हो बस पास मेरे
दिल के एहसास मेरे।
छोड़ो सारी दिशाओं को
बस तुम हो खास मेरे।
बस यूं ही संग बैठे रहो
तुम ही तो हो सांस मेरे।
दिखते औरों को ही क्या
पल होते सारे काश मेरे।
सारे बहाने तो बना लिए है
बिखर गए सारे ताश मेरे।
पूजा की अब क्या जरूरत
बन जाओ सिर्फ दास मेरे।-
तुम ही जीवन
तुम स्पंदन
तुम ही जीवन का
उत्थान प्रिय
तुम प्रेम राग
तुम दिल का बाग
तुम ही जीवन का
मान प्रिय
तुम नई किरण
हर्षित सुख मन
कोमल हृदय का
मधु गान प्रिय
तुम अमर प्रेम
मेरा कुशल क्षेम
तुम ही जीवन का
मुस्कान प्रिय-
खुशबू हर तरफ से तेरी आने लगी है
हर मौसम ही मुझे अब भाने लगी है।
सड़को की शोर में एक संगीत ऐसी है
सुन गूंगी जुबान भी अब गाने लगी है।
होती नहीं शिकायत कोई अब धूप से
गुनगुनी सर्दी में गर्मी जो लाने लगी है।
एक मूरत थी जिसे बस सुना था सबने
तस्वीर हर तरफ उसकी छाने लगी है।
चल रही कैसी ये खुशी की ये लहर
गम के हर करते को खाने लगी है।
थी जिसकी कमी वो पूरी हो गई है क्या
कामनाएं जो अब सारी जाने लगी है।।-