मुझसे आशनाई ज़रा सोच कर करना ,
टूटे हुए शीशे अक्सर घाव ही दिया करते हैं ।।
नासूर होना मुनासिब मालूम होता है मुझे
खूबसूरत गुलों को लोग तोड़ लिया करते हैं ।।
एक ज़माना बीत गया था मुहब्बत को हमारी
पुरानी चीजों को लोग अक्सर छोड़ दिया करते हैं ।।
कुछ तो तौर - तरीकों में फेरबदल करो यारों
छोटे मोटे खिलवाड़ों को हम सह लिया करते हैं ।।
हर वक्त का शराब पीना बर्बाद न करदे साकी
दिन दो दिन हफ्ते में गम भी पी लिया करते है ।।-
आमले की एकादशी (शुक्ल पक्ष), फाल्गुन माह , विक्रम संवत 2059 ✔️
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सारे कष्टों की
दुखों की
सहानुभूतियां होती हैं
सिवाह पुरुष के
उस आंतरिक दुख के
जिसके पास
न धन है
न रूप है
न कोई प्रतिभा है-
वियोग में हृदय
कश्मीर हो जाता है
न इधर का रह पाता
न उधर का
रह जाता है तो केवल
रुदन-आतंक
वह भी इतना कि
उसका पुनः विलय भी
मुश्किल हो जाए-
भविष्य
आत्मसम्मान
दोनों को
दाव पर रखकर
मैंने चुना प्रेम
और अंततः
खो दूंगा तीनों ।।
जैसे
जायदाद
स्त्री की इज़्ज़त
दोनों को
दाव पर रखकर
पांडवों ने चुना
भाइयों के साथ खेल
और अंततः
खो दिए तीनों ।।— % &-
प्रेम कितना सभ्य होता है
प्रेम में कोई नहीं देखता
कुल खानदान जाति धर्म
लड़के की आमदनी ।
इसमें सहमति होती है
दोनो की
फिर भी अमान्य होता है प्रेम
विवाह कहने को सभ्य है
विवाह में कितनी अड़चन होती है
कुल खानदान जाति धर्म
लड़के की आमदनी ।
वर वधु की सहमति
मायने नहीं रखती
फिर भी मान्य होता है विवाह— % &-
स्त्री को भ्रमित किया जाता है
गहना कहकर
सत्य ही है
स्त्री होती है
एक गहना
बिल्कुल उसी की भांति
सुंदर , कोमल
बिल्कुल उसी की भांति रखा जाता है
छिपाकर तिज़ोरी में
बिल्कुल उसी की भांति निकाला जाता है
केवल विवाह , समारोह , उत्सव में
घर की प्रतिष्ठा को आंका जाता है स्त्री से
बिल्कुल गहने की तरह— % &-
कुछ तो बेईमानी तुम भी सीखो 'जीत' ;
जो उसूलों पर जीते हैं , कभी नही जीते हैं— % &-