तुझमें और मुझमें बस फ़र्क था इतना...
तुझे वक़्त गुजारना था...
और मुझें ज़िन्दगी...-
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मुझे ज़मी पे छोड़ ...
उसने तारो के बीच घर बनाया है...
मुझसे दूर जाने के लिए...
एक नया तरीका अपनाया है...-
कई रातें गुज़ारी है अंधेरो में...
क्या तुम मुझे उजालों से मिलाओगी...
मैंने निभाये है हर वो वादे...
क्या तुम भी उन वादों को निभाओगी...
मै करुँगा इंतज़ार ज़िन्दगी भर तुम्हारा...
क्या तुम मुझसे मिलने आओगी...
अधूरे है मेरे कई सपनें...
क्या तुम उन्हें पूरा करने में साथ निभाओगी.…
पता है मुझे तुम ज़िंदा नही हो...
पर अपने होने का ऐहसास हमेशा मुझे कराओगी...
🌼💖-
खुदा ना करें कभी ...
मैं तेरे खिलाफ़ जाऊ ...
फिर जंग ऐसी होगी की...
मैं तुझसे जीत के भी खुद से हार जाऊ ...
🌸-
किसी की लिए तुमने क्या किया ...
ये कभी मायने नही रखता....
उसने जाते जाते कहा था...
" तुम किसी के लिए मर भी जाओगे...
फिर भी किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा..."
22 - Aug - 2018
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मैं ज़िन्दा होकर भी...
धीरे धीरे मर रहा हूँ...
और वो मर के भी...
आज भी मुझ मैं ज़िन्दा है...
🌼-
मैं ज़िन्दा होकर भी...
धीरे धीरे मर रहा हूँ...
और वो मर के भी...
आज भी मुझ मैं ज़िन्दा है...-
अब तो हर त्योहार, इतवार...
बस यूही गुज़र जाता है...
ना जाने , बढ़ती उम्र और ज़िम्मेदारियों के साथ...
सब कुछ क्यों पीछे छुटता चला जाता है...
जो हाथ कभी पोछा करते थे मेरी भिगी पलकों को कभी...
अब तो वीडियो कॉल पे भी गम में मुस्कुरा दिया जाता है...
माँ💖-
जो... खुद को जला कर...
तुम्हें रोशन करे...
बदले में बस... तुमसे एक ही उम्मीद रखें...
जब तक चले साँसें उसकी... उसके साथ बस तू रहे...
माँ - बाप💓-
चलो... आज सब कुछ रफा दफा किया...
जो थे शिकवे गिला भुला दिया...
फिर से एक नई शरुआत के लिए...
तुम्हें मेने फिर दिल में एक जगह दिया...-