यूं तेरा,मेरे सदके की कल्पनाओं में l
साथ उम्र भर, मुझे खुशमिजाज बना दिया ll-
अधूरा
पता नही मेरी गलती थी या फिर उस ... read more
प्रेम तुम्हारा गौदौलिया, चाहत काशी प्रांत सी l
हम बिऐच्यू के धरोहर , लहरे गंगा शांत सी ll— % &-
एक अरसा नाम आबरू का l
जहन में आज भी एक तेरा नाम l
किसी और से मिल पाया न, जो हमने तुमसे कमाया l
एक हादसा फिर रुबरु का,जहन में आज भी एक तेरा नाम ll
हरगिज निकाला तुमने, हम निकल ना पाए l
पकीगजी तुम्हारी रूह का,जहन में आज भी एक तेरा नाम ll
एक दास्तां तुम्हारी प्यार कि,मैं बदनसीब को l
मिल सका तो तबियत से, उम्र भर जहन में आज भी एक तेरा नाम ll
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सजनी तू चांद सी, मैं अमावस की रात।
तेरे ढल जाने के विरह में, हर रात हिज्र की रात।।-
बस इसलिए कुछ कहते नहीं हम तुमसे,
तुम समझोगी नहीं और हम रो देंगे।।
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अब क्या रह गया कहने को उनसे,
जिन्होंने कसमें मेरी मौत की खा के तोड़ दिए।-
गलती की सजा तो मिलनी ही थी,
पर इस हद तक बदल जाओगे कभी सोचा ना था।।-
लाख लड़ाइयों के बावजूद,
हमे एक दूसरे के बिना जीना नहीं आता।।-
तन्हाई का आलम मिलों तक नहीं,
फिर भी एक शख्स के लिए आंखे भीग जाती हैं।।-