Abhijeet Sharma   (Abhijeet Sh_नक्षत्र)
248 Followers · 98 Following

read more
Joined 13 May 2019


read more
Joined 13 May 2019
6 MAR 2022 AT 8:59

मेरे साथ में किस्मत का खेल क्या गज़ब हुआ,
रब ने मिलाया जिससे वो ही मेरा रब हुआ,
हो गया मैं उसकी मोहब्बत की ख़ामोशी,
और वो मेरे इश्क को बोलता लब हुआ,
इक क्षितिज पर मिले थे कभी दो सितारे,
वक्त बीतते वो पश्चिम और मैं पूरब हुआ,
ना बेवफ़ा हुई वो कभी ना हम एहसान फरामोश हुए,
प्यार तो ताकत थी पर हमारा तो दुश्मन ये मजहब हुआ,
मेरे साथ में किस्मत का खेल क्या गज़ब हुआ,
रब ने मिलाया जिससे वो ही मेरा रब हुआ।।।@S

-


24 JAN 2022 AT 10:57

नील वर्ण ओढ़ कर बैठा पंछी सूखी डाल पे,
गहरे उजले पानी में हरे भरे पेड़ को निहारते।
जाने किस सोच डूबा में हुआ शांतचित्त लिए वो बैठा था,
लगा कि सारी दुनिया की फिक्र लिए वो बैठा था।
सोचता होगा कि क्या होगा,
जब ऐसे सारे पेड़ सूख जायेंगे।
किसी की सांसें कम पड़ेंगी,
किसी के आशियाने उजड़ जायेंगे।
किसी के मुंह का निवाला मिट जायेगा,
गर धरती का रखवाला सिमट जायेगा।
कहीं जिंदे के जीवनयापन का आधार खत्म हो जाएगा,
कहीं मुर्दे की चिता का सामान खत्म हो जाएगा।
सोचता होगा कि काश देख ले इंसान जो मैं देख रहा हूं,
उजड़ते भविष्य पर बैठ कर वर्तमान का प्रतिबिंब देख रहा हूं,
ए इंसान बचा ले आने वाली पीढ़ियों की सांसें,
बचा ले चहचहाते इन पंछियों के घरौंदे।
सुधार ले ढंग जीवन के ज़रा सी तो नैतिकता रख,
अरे मानव कहलाता है तू ज़रा सी तो मानवता रख।।।@S






-


8 DEC 2021 AT 0:39

उसके साथ बैठ के हंसी ठहाके लगाने से बेहतर हो तेरे दामन में सर रख के रो लूं सिसक लूं,
क्या होगा गर उसके साथ ढेरों खुशियां बांटू बेहतर हो तेरे साथ थोड़ा अपना गम बांट लूं,
मेरे घर परिवार ज़मीन जायदाद नाम संस्कार में बेशक उसका हक़ होगा,
उसके साथ रईसी की ज़िंदगी से बेहतर हो तेरे साथ वही मुफलिसी काट लूं,
क्या हो जो रेगिस्तान पर सिर्फ़ बादल गरजे बेहतर हो दो बूंद बारिश से कुछ प्यास बुझा लूं,
मुद्दतें बीत जाएंगी उस अनजान के साथ रहकर वो हसीन वक्त की तलाश में,
बेवजह का इक अरसा बिताने से बेहतर हो तेरे साथ फिर से वो इक पल गुजार लूं,
माना की हकीक़त कोसों दूर है इन सब कोरी काल्पनिक बातों से,
मगर दिल टूटने के दर्द को सहने से बेहतर हो झूठी उम्मीदों के मरहम को लगा के जी लूं।।।@S

-


7 DEC 2021 AT 23:58

दूसरों से हाल ना पूछा कर मेरे, मैं ज़िंदा हूं अभी मरा नहीं।
गर तूने सब सह लिया तो संभल ना पाऊं, इतना मैं भी गिरा नहीं।
अब सिर्फ़ मुझे ही मालूम होता है, मेरे दुखों की इंतेहा का।
सरेआम नीलाम कर दूं अपना दर्द, मैं अब वो सिरफिरा नहीं।।।@S

-


30 OCT 2021 AT 0:44

रात भर दुआ मांगी,
कुछ उन्होंने मांगी कुछ मैंने मांगी।।।
अपने हिस्से का हमें देकर ही जो सुकून में रहे,
मांगी गर उस मां ने तो सिर्फ़ हमारी सलामती मांगी।1।
रात भर दुआ मांगी,
कुछ उन्होंने मांगी कुछ मैंने मांगी।।।
झुकते नहीं देखे जो कंधे किसी भी बोझ से,
उस पिता के सर ने झुककर मांगी तो हमारी कामयाबी मांगी।2।
रात भर दुआ मांगी,
कुछ उन्होंने मांगी कुछ मैंने मांगी।।।
यूं तो स्वार्थी सा स्वभाव लिए रहता है वो,
पर इस बार मेरे भाई ने मेरे लिए सफलता मांगी।3।
रात भर दुआ मांगी,
कुछ उन्होंने मांगी कुछ मैंने मांगी।।।
जिसके चेहरे की मुस्कुराहट ही चाहत है मेरी,
अब उसने मांगी तो बस मेरी ही खुशियां मांगी।4।
रात भर दुआ मांगी,
कुछ उन्होंने मांगी कुछ मैंने मांगी।।।
सब कुछ तो उन्होंने मांग लिया अब मैं क्या मांगता,
मां का साथ यूं ही ज़िंदगी के हर क़दम पर मांगा,
पिता के सपनों को पूरा करने की हिम्मत को मांगा,
मांगा भाई का गर्व बनकर उसका आदर्श बन सकूं,
उसके लिए मांगा तो ऐसे ही रहे हमारा प्यार मांगा।5।
रात भर दुआ मांगी,
कुछ उन्होंने मांगी कुछ मैंने मांगी।।।@S


-


1 AUG 2021 AT 11:00

ज़िंदगी की भागदौड़ में कुछ दोस्त मिले यार मिले,
तकलीफ़ में था जब जब अकेला वो साथ खड़े तैयार मिले,
मेरी हर खुशी में शामिल ऐसे हुए जैसे उनकी खुशियां हों,
छोटी छोटी बातों पे भी मेरे लिए करते वो जां निसार मिले,

ज़िंदगी की भागदौड़ में कुछ दोस्त मिले यार मिले,

हिली जो कभी नींव ज़िंदगी की वो जीवन का आधार मिले,
मेरे लिए आती मुश्किलों को रोकने वो खड़े पहरेदार मिले,
कुछ इस तरह सिखा दिया पाठ दोस्ती का मुझे,
कि मैं ख़ुद में सुदामा हो गया वो कृष्ण सा अवतार मिले।।।@S

-


23 JUL 2021 AT 11:06

अंधेरी रात को इक जलता चिराग़ मिल गया,
अधूरी नींद को एक हसीन ख़्वाब मिल गया,
मिल गया उफनते समंदर को साहिल तुम जो मेरे हुए,
प्यासी ज़मीन को जैसे बारिश का साथ मिल गया,

खिलते गुलाब को भंवरे का गुंजन मिल गया,
दबे हुए बीज को उसका सृजन मिल गया,
मिल गया हवाओं को पेड़ का साथ तुम जो मेरे हुए,
अमृत को निकलने के लिए जैसे मंथन मिल गया,

बिखरे मोतियों को धागे का पिरोना मिल गया,
प्यार के रूप में एक दोस्त सलोना मिल गया,
मिल गया खुशियों को ठिकाना तुम जो मेरे हुए,
रोते बच्चे को जैसे पसंद का खिलौना मिल गया।।।@S

-


22 JUL 2021 AT 22:13

मंजिलें मेरी मुझे अपनी ओर खींचती हैं,
अधूरे ख्वाबों की बाहें ज़रा कस के भींचती हैं,
जर्रा जर्रा पुकारता है रूह का उस खोई शोहरत को,
हर नाकाम कोशिश मेरी हिम्मत के बीज को सींचती हैं,
मंजिलें मेरी मुझे अपनी ओर खींचती हैं।।।@S

-


21 APR 2021 AT 6:34

एक शाम जो बैठा मैं करने लगा ख़ुद से कई बात,
कुछ भविष्य की कल्पनाएं तो कुछ पुरानी याद,
टूट गईं कुछ उम्मीदें कुछ ख्वाहिशें ज़िंदा रहीं,
उन ख्वाबों को पिरोने में होने लगी हो जैसे रात,

कहीं मुक्कमल हो गया इश्क़ कहीं अधूरे रहे जज़्बात,
कहीं किसी से हो गया मिलना कहीं अधूरी रही मुलाकात,
बेतरतीब सी ज़िंदगी का हर हिस्सा खोज लिया मैंने,
पर ढूंढते ढूंढते खुद में ही ख़ुद को ढल गई सारी रात,

एक शाम जो बैठा मैं करने लगा ख़ुद से कई बात,
कुछ भविष्य की कल्पनाएं तो कुछ पुरानी याद।।।@S

-


21 APR 2021 AT 6:08

सांसों को ऑक्सीजन की कमी खल रही है,
तुम घुट घुट के भी सांसे ले रहे हो बस यही अच्छी ख़बर है,
कह रहे हैं हवा में भी फैल रहा है खौफ मौत का,
जो मास्क से छानकर भी ज़िंदगी ले रहे हो बस यही अच्छी ख़बर है,
हमेशा के लिए अलविदा होना पड़ रहा है अपनों से,
तुम 14 दिन क्वारनटीन होके फिर मिल रहे हो बस यही अच्छी ख़बर है,
जा रहे हैं लोग जन्नत की सैर पर,
गर तुम कुछ दिन घर में दोजख झेल रहे हो बस यही अच्छी ख़बर है,
कुछ वक्त की पाबंदियां झेल लो तुम,
हर वक्त बदलता है बस यही अच्छी ख़बर है।।।@S

-


Fetching Abhijeet Sharma Quotes