Abhijeet Rathore   (Abhijeet rathore)
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Joined 18 December 2018


Joined 18 December 2018
7 NOV 2019 AT 22:17

कौन हो तुम ?

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16 SEP 2019 AT 22:48

बात करने के बाद उससे
न लग रहा हैं ध्यान कही
जाने क्या जादू है उसमें
मन बस उसी में लगा है
या तो हो बात हो कुछ इस
तरह की
हमारा ही नाम तुम हो
तुम्हारा ही नाम हम हैं

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16 JUL 2019 AT 20:03

ज़िद्द ज़िद्द नही ये एक फ़ितूर है
जो सिर चढ़ जाए तो
नींव है नए एक इतिहास की
रचता इतिहास वही है जिसमे ज़िद्द हैं।

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16 JUL 2019 AT 19:16

एक तरफा इश्क़
उसकी एक झलक के लिए
घंटों खड़े रहना,
उसके मोड़ पर पहुचने से पहले
उसका इंतज़ार करना
यही तो एक तरफा इश्क़ है।
स्कूल की भीड़ में सिर्फ और सिर्फ
उसी को खोजना,
उसके चहेरे पर आने वाली
हंसी का कारण बनना
यही तो एक तरफा इश्क़ है
उसकी नादानियों को
याद करके मुस्कुराना,
उस पर आने वाली आफ़त से
निस्वार्थ से उसे बचाना
यही तो एक तरफ इश्क़ है।
उसके कुछ भी कहे बिना
सबकुछ समझ जाना,
उसके लिए सबसे लड़ जाना
अच्छा लगता है
यही तो एक तरफा इश्क़ है।


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24 JUN 2019 AT 22:44

कहते है लोग सीख ले सबक धोके का
मैं कहता हूँ तू सीख ले ढंग दिलगी का
यू तो लोगो ने की है निंदा बहुत प्रेम की
मैं कहता हूँ अगर किया है प्रेम किसी एक से
तो सीख ले सबक तू सच्चे विश्वास का
नही तो जरूरत कहाँ पूरी होती हैं किसी एक से।

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22 JUN 2019 AT 11:57

जो नही था नसीब में मत हो उदास उसके लिए,
दुआ करता हूँ उस रब से आपके लिए ,
अगर है कोई उससे खूब आपके लिए ,
जल्द उसे रूबरू कराये आपसे मेरे लिए।
🙂

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28 MAY 2019 AT 7:36

दिल से दिल का रिश्ता तो
मुझे यह कलम भी समझाती हैं
जो मुझसे पहले मेरे हर
अल्फाज़ो को समझ जाती हैं,
सच कहूँ तो यही एक ईमानदार
साथी है मेरा जो मुझे पहचानती है।

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12 MAY 2019 AT 9:04

जाने अनजाने में मैं तेरे इतना करीब आ गया हूँ
की डर लगता है अब तेरे दूर जाने के ख्याल से भी
न जाना मुझे छोड़कर एक पल के लिए भी अकेला
इंताजार कर रही है मेरी मौत मेरा तुझसे जुदा होने का।


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11 MAY 2019 AT 21:42

कभी कभी भर आता हैं मेरा भी दिल
फिर याद कर लेता हूँ तेरी
उन खट्टी मीठी यादों को
जिनमे आज भी तेरे होने का
एहसास मुझे महसूस होता हैं।
अब बस तेरी ही यादों का सहारा हैं
इस दिल को।

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2 MAR 2019 AT 19:50

क्या जायज़ है उसे प्यार कहना,
जहा लोग बदल जाते है समय के साथ।
वो और हम समझते थे जिससे प्यार,
क्यो समय आने पर छोड़ दिया हाथ।
जिस राह को साथ मे तय करना था,
क्यो आज उसी राह के लिए
मुसाफिर बन गये हम।
फिर मेरे यार ने हंसकर कहा
भाई ये प्यार नही आकर्षण है,
समय के साथ फीका पड़ ही जाता है।

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