खो रहा सबको अपनी मर्ज़ी से,
ज़िन्दगी वीरान, अब कोई आस नहीं।
गमों का साया है, हर पल साथ मेरे,
अकेला हूँ मैं, अब कोई पास नहीं।
-
Main likh rahu hai...
जैसी मोहब्बत अधूरी है गुलाब के बिना, वैसे मे अधूरा हूँ तुम्हारे बिना।
मेरी हर खुशी, हर ख्वाब तुमसे शुरू है, तुम हो तो ज़िंदगी है, वरना सब अधूरा है।-
हमारे रिश्ते को कुछ इस तरह बदनाम किया उसने...
कि मोहब्बत का जनाज़ा मैंने खुद उठाया है...
वफ़ा के बदले में धोखा मिला मुझको,
और ग़म-ए-इश्क़ का जाम पिया है।
-
तेरे बिना, हर खुशी अधूरी है,
आज भी मैं तेरी राहों में बैठा हूँ...
आँसू बनके बहे, मेरे सारे सपने,
फिर भी, तेरी यादों के साथ बैठा हूँ...
-
हसना आता है मुझे..
मुझसे गम की बात नहीं होती...
दिल टूटा है मेरा, पर किसी से शिकायत नहीं होती...
आँखों में नमी है, पर लबों पे मुस्कान छुपी है...
ज़िंदगी की राहों में, अब अकेला चलना सीख लिया है मैंने...
-
Ek Tarfa Pyaar...
Wo aate rahe nazron ke samne, par hum kuch na keh paye,
Dil mein chupa tha jo haal-e-dil, wo labon pe na laa paye.
Unki har muskurahat mein dhoondhte rahe apni khushi,
Par unke dil ka haal jaane bina, hum pyar nibha na paye.
Kash! Wo samajh pate is dil ki dhadkan,
Jo har pal unke liye hi dhadakti hai.-
Tu waada to kar aane ka...
Phir chahe umr bhar na aa...
Yeh dil, tere intezaar mein, dhadakta rahega.
-
अपने मन की किताब ऐसे व्यक्ति के पास खोलना,
जो पढ़ने के बाद आपको समझ सके..!!-
Vo to muskura ke chali gayi...
Main har muskurahat ke peechhe uska chehra dhoondhta raha..."-