चाहे जो भी हालत रहे
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🐜🐜🐜ant heart
A good learner and listener
ऐसी कोई लाइन या कोई शब्द नहीं जो मैं एक स्त्री के सम्मान में लिखूं
वह अनंत है वह अंबिका का रूप है वह प्रकृति है जीवन है मृत्यु है वह स्त्री है वही सब है-
ये सूरज चाँद सितारे फूलों की महक मेरी सरकार तुम्हीं से है...कल कल करती गंगा का पानी पवित्रता से भी ये भी सरकार तुम्हीं से है शबरी के झूठे बैरो का स्वाद तुम्हीं से है..पत्थर को चुनने से अहिल्या बन जाना सब सरकार तुमही से से है....
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ये सूरज चाँद सितारे फूलों की महक मेरी सरकार तुम्हीं से है...कल कल करती गंगा का पानी पवित्रता से भी ये भी सरकार तुम्हीं से है शबरी के झूठे बैरो का स्वाद तुम्हीं से है..पत्थर को चुनने से अहिल्या बन जाना सब सरकार तुमही से से है....
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जब भी यह सोने जैसी धूप
तुम्हरे हीरे जैसे चेहरे पर आती है
इस मुस्कान की कीमत और भी बढ़ जाती है-
बड़ा ही गरीब सा था मैं उसकी एक मुस्कान ने मुझे अमीर कर दिया जो कतरे कतरे को तरसा कभी उस पर उसने समुंदर बरसा दिया
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