Abhi Sharma   (Abs)
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Joined 1 December 2019


Joined 1 December 2019
12 NOV 2021 AT 13:33

ले आना

आते वक़्त तूम ले आना,
मेरे लिए कुछ याद पूराने।
एक छोटी सी गुड़िया रानी,
वो हसीं बेरंग जमाने।।

आते समय मिलेंगी तुमको,
कच्ची सड़क और कुछ झोपड़ियां।
कुछ लोग मिलेंगे जानने वाले,
कुछ लोग मिलेंगे अनजाने।।

कुछ खेल ले आना बचपन वाले,
और किस्से दादी - नानी की।
उन सपनों को फिर से जी लेना,
जो झलक हमारी जवानी की।।

तुम पूरा कर लेना वो प्रेम प्रसंग,
जो अधूरा तुमने छोड़ा था।
तुम निभा लेना उस दोस्ती को,
जिसे कट्टी कहकर तोड़ा था।।

-Abs










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23 MAY 2021 AT 20:51

जरूरी है खुद की प्रशंसा करना,
जरूरी है खुद को कोसना भी।
अच्छा है खुद के लिए बेफिक्र होना,
पर समय पर खुद के लिए सोचना भी।

चिंता नहीं,
आत्मचिंतन हो तो बेहतर है।
खुद के साथ बैठकर,
हार पर मंथन हो तो बेहतर है।
बेहतर है गमों को भुल आगे बढ़ना,
हार और जीत का‌ खेल ये निरंतर है।

- Abs





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11 MAY 2021 AT 23:11

हर वो राज़ तुम्हें पता कहां,
जो दफ़न है।
धोखे के लिबास से अच्छा,
वो कफ़न है।।

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20 APR 2021 AT 15:28

मेरे कमरे में एक बल्ब था,
जिसे मैं सूरज समझता था।
मुझे ज्ञान नहीं था दिशाओं का,
इसीलिए
पश्चिम को पूरब समझता था।
कमरे से बाहर निकला भी,
तो रात में,
मैं अंधेरा ही अंधेरा,
हर तरफ समझता था।
पर एक दिन रौशनदान से
कुछ रौशनी आई,
फिर लगा
अबतक मैं सब गलत समझता था।

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12 MAR 2021 AT 13:48

"You have to thrive for what you want.
If you think you can not,
Yes you can't............"

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9 MAR 2021 AT 13:32

तेरे पदचिह्नों के तलाश में,
मैं हर राह पर भटका हूं।
मैं भटका हूं बेचैन होकर,
बेसब्र होकर, बेताब सा।
जब भी नींद खुली है मेरी,
वो टूटा है एक ख्वाब सा।

एक ख्वाब जिसमें मैं होता हूं,
और तेरी सिर्फ एक झलक होती है।
तेरे पास आने की एक ललक होती है,
यूं तो कब का मर चूका हूं तुमपर,
पर तेरे साथ जीने की चाह अब तलक होती है।

हां अब तलक तेरी मोहब्बत,
बसती है मुझमें।
मुझमें बसती हैं तेरी यादें,
तेरी यादें जो अब तक धुंधली न हुई।
धुंधली न हुई है वो रात,
वो रात जब वो चांद मुस्कुराया था।
मुस्कुराया था हमारे मिलन पर................
- Abs










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5 MAR 2021 AT 18:46

घुटन सी हो रही है इस शहर में,
काश! तेरी यादें गांव में दफ़न न हुईं होती।

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14 FEB 2021 AT 7:31


अगर जो इल्म होता उन्हें हमारी मोहब्बत का,
तो उन्हें हमसे नहीं, खुद से मोहब्बत हो जाती।
बहुत ही शरीफ बनती है वो मेरे सामने,
इसके बाद वो थोड़ी कमबख्त हो जाती।।

यूं तो क‌ई दफा इशारा किया,
पर वो समझ न पाई।
काश वो समझ पाती मेरी मोहब्बत को,
कसम से ये दुनिया मेरे लिए जन्नत हो जाती।।

मोहब्ब्त करके अफसोस क्या करना,
अच्छा ही है जो उन्हें पता नहीं मेरी आशिकी।
गलती से भी वो हां कर देती,
तो मुझसे उल्टी सिधी कोई हरकत हो जाती।।

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12 DEC 2020 AT 10:57

अगर एक बूरा,
तो सब बूरे क्यूं?
तुमने पा लिया न सबकुछ,
हम अबतक अधूरे क्यूं?
पर बता दे कोई मुझे ये,
टूटा हुआ दिल फिर से जुड़े क्यूं?

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8 DEC 2020 AT 21:08

उसके दिल का ताला भी टूटा है,
मेरे मोहब्बत की चाभी भी टूटी है।
मेरा जिगरी यार भी रूठा है,
और उसकी होने वाली भाभी भी रूठी है।।

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