जैसे छांव
पेड़ के रहने की
पांव
यात्रा के रहने की
नाव
आश्वस्ती के रहने की
जगह होती है
तुम मुझमें
मेरे रहने की
स्थायी एक जगह हो-
लेखक- किंडल ई-किताब- "प्यार में डूबे हुए लोग"
तुमसे तिनके भर सहारा मिला
धारा उसी से पार मैंने कर लिया
आकाश रचा तुमने मुट्ठी ही भर
मनभर उड़ान उसी में भर लिया
इतना वंचित कि
तुमसे मिलने वाले राई भर प्रेम से भी
संतुष्टि का मनोरम पहाड़ खड़ा कर लिया
तुम्हारी दी हुईं चीज़ें
आकार में बहुत छोटी थीं
ख़ुद को मैग्नीफाइंग ग्लास बनाना पड़ा
तब जाकर दिखने लायक
सब हो सका-
रात के स्याह पर्दे सरक गए
खुली है खिड़की उजियारे की
सुबह एक मुकम्मल मुस्कान है
ओ क्षितिज! तुम्हारे चेहरे की
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ख़्वाब हक़ीक़त में उपस्थित जो हो कभी जाए
आपको देखकर बरबस वही बात कही जाए
आपको देखना ही नहीं हो पाता पूरी तरह से
आंखों से अन्य और मदद क्या ही ली जाए-
फूल
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बरसों जीवन की वाचालता में रहा हूं
क्षणिक साथ मूक किसलयों का पा लूं
सोचता हूं कुछ दिनों के लिए बदलकर देखूं
कुछ ना बोलूं
आदमी से फूल एक बन जाऊं।-
प्रेम करते हो
तो वादा करो
छोड़ कर नहीं जाओगे
चांद बन भी जाओ
पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से बंधे रहोगे-
चांद रौशन हल्का
पृथ्वी चमक रही फीकी
इससे अलग भी हो सकता था दृश्य
अगर चांद का निवास
पृथ्वी के किसी आंतरिक हिस्से में होता-
प्रेम करते हो
तो वादा करो
छोड़ कर नहीं जाओगे
चांद बन भी जाओ
पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से बंधे रहोगे-
कभी उदास नहीं होता
यह आदमी मुस्कुराता कितना है!
उदासी ने उदासी से मुस्कुराते हुए कहा
आदमी ने मुस्कुरा दिया यह सुनकर
अपनी उदासी की भाषा में
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मेरी उदासी को पसन्द नहीं
उदासी की भाषा
इसीलिए यह सीख रही है
एक अन्य मानवीय भाषा
यह एक चित्रलिपि है
जिसकी वर्तनी मिलती है मुस्कुराहट से
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