Abhi Neets✌   (अभिनीत)
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Instagram~ abhiiiineet
Joined 11 May 2019


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12 SEP 2023 AT 1:45

अपनी तालाश में हम
खुद से ही दूर हो गए...
नाम बनाने निकले थे....
बदनामी के कारण मशहूर हो गए..
सोचा ना था की घमंड आयेगा कभी शोहरत का..
पर दौलत की आहट से ही मगरूर हो गए..
अपनी ही तालाश में हम..
खुद से ही दूर हो गए!

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12 SEP 2023 AT 1:40

आईना:~
कितने चेहरे छुपे हुए थे,
असली चेहरे के पीछे..
परत दर परत,
कोई ऊपर तो कोई उसके नीचे..
खुद से झूठ बोल रहे हो,
खुशियाँ पैसों से तौल रहे हो...
जरा सी दौलत देखकर ,
ईमान तुम्हारा डोल गया...
मुझसे मेरा आईना क्या बोल गया....
कबतक भागोगे खुद ही खुद से..
कबतक परछाई के पीछे..
मिल तो गया..
था जो भी तुमने सोचा कभी..
शायद लालच रूपी शैतान...
खुशियों में जहर सा घोल गया...
आईना क्या बोल गया!

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23 MAY 2023 AT 10:25

अमीर उठाते हैं बारिश का सही आनंद,
गरीब तो अपने टपकते छत को देखता रह जाता है!

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26 SEP 2022 AT 17:37

🔱

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4 SEP 2022 AT 9:02

कुछ बातें अंदर ही दबी रह जाती हैं..
किसी पुरानी किताब में सूख चुके गुलाब के जैसी,
उनका सतह पर आना उतना ही कठिन हो जाता है....
जितनी किसी सिगरेट के कश से मन के उलझनों का बच पाना,
परंतु एक प्रश्न छोड़ जाती है वो आखिरी कश के साथ,
क्या संभव नहीं है....
उस वर्षों से फेंकी हुई पुस्तक से....
पुनः गुलाब के पंखुड़ियों का खिल जाना,
क्या इतना मुश्किल हो जाता है....
अपनी पुरानी खोई पहचान को वापस पाना.....
कि उसके लिए कविता लिखनी पड़े!

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16 AUG 2022 AT 2:14

दोस्ती हो या प्यार,
कभी कभी बेहद होकर, बेकार हो जाती है!

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12 JUN 2022 AT 21:42

सीमेंट की चादर से ढँक चुकी इस मिट्टी की आपबीती भी सुननी जरूरी है आज......
( कविता अनुशीर्षक (caption) में )

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12 JUN 2022 AT 15:58

मैंने प्रेम लिखना बंद कर दिया!
कुछ कारण थे शायद,
काफी कारण तो लिखने के भी थे,
पर महसूस किया है मैंने कि,

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12 JUN 2022 AT 0:37


वो जो पल थे साथ बिताए संग तुम्हारे..
वो किस्से वो यादें,वो झिलमिल सी रातें..
चलों माना तुम्हें होना किसी और की है..
और ये सारी बातें लगती तुम्हें अब नाइंसाफी है...
जाओ सफ़र पर संग किसी और के...

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12 JUN 2022 AT 0:34

इस वक़्त तक सुरक्षित रखना खुद को....
इस महामारी से..
जाने कितनों ने खो दिये,अपने घर के चिराग....
नयी आशाओं की लौ बन जलना...
मुश्किल तो था....

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