कुछ कमी रह जाती है।
थकी आंखो में ख्वाब मुस्कुराहट के थे,
मुकम्मल नहीं हुआ।
कुछ कमी रह गई मेरे मुस्कुराने में।
घोर अंधेरे जीवन में उजाले की कामना थी,
मुकम्मल नहीं हुआ।
कुछ कमी रह गई मेरे फसानें में।
समय के दरिये में आंसुओं को डुबोने थे,
मुकम्मल नहीं हुआ,
कुछ कमी रह गई ऐसी घड़ी बनाने में।
रिश्तों के बहुत से कर्ज चुकाने थे,
मुकम्मल नहीं हुआ,
कुछ कमी रह गई रिश्ते निभाने में।
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Ten Lines Of Love
When You Are In My Arms,
I'm Filled In With All Charms.
Being Not Only Me That Time,
I Am Totally In Your Crime.
Kissing You On Your Neck,
I Always Feel Your Cheek.
You Make Me Uncomfortable,
Grabbing My Back Is So Sensible.
The Feeling Is Totally Unreal,
Coz Both Of Us Are Ideal.-
When You Think, You Find
"You Are Alone"
When You Think Again You Get
"That's The Only Truth"
😔-
अगर प्यार है तो शक कैसा,
अगर नहीं तो हक कैसा?
जो तुम्हारा है वो तुम्हे ही मिलेगा,
शक्की पंखुड़ियों का फूल कबतक खिलेगा?
विश्वास प्रेम का आधार है,
शक वाला प्यार, प्यार नहीं बेकार है।।-
जुबां से भले कुछ न काहू,
दिल की आवाज तो सुन।
कहती है क्या ये धड़कन मेरी,
धक धक से बने अल्फाज तो सुन।।
पास जब भी रहे तू मेरे,
सांसों की ये आवाज तो सुन।
दूर जाते हो जब मुझसे,
छलकती आंखों के अल्फाज तो सुन।।
मिलने को तड़पता हूं तुमसे,
भले मेरी ये तू बात ना सुन।
कहता है जमाना जो कहने दे,
बस अपने मन की बात तू सुन।।-
मुझे जितना चाहो तड़पाओ,
प्यार है तुमसे जता नहीं सकता,
कितना है ये भी बता नहीं सकता।
तुमको जाना हो तो जाओ,
मुझे आइना तो थोड़ा दिखाओ,
बुरा हूं पर खुद को बदल सकता,
तेरे ही प्यार में बस बहल सकता।
तुमको जाना हो तो जाओ,
पर एक बार भरोसा तो जताओ,
तेरे बिना मैं एक कदम नहीं चल सकता,
क्या रोशनी बिना कभी सूरज निकल सकता?
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If SomeOne Praises You
"You Are Happy"
If SomeOne Complains About You
"You Are Sad"
It Means The Remote Of Your
Happiness And Sadness
Is In The Hands Of SomeOne Else.
Try Not To Give The Remote
To SomeOne Else.-
अगर सड़कें खामोश हो जांए तो संसद आवारा हो जाएगी।
जनता की बगावत ही संसद को अनुशासन में रख सकती है।
अगर ये पंक्तियां पसंद आ रही है ना तो अपने अंदर के उस ज़मीर को जगाओ जो वर्षों से सोया पड़ा है और खो गया है अपने अपने जाती और धर्म के रक्षा में। नेताओं के उन जुमलों में और वादों में जो अपनी अपनी जाति के लिए किए जाते है। उस झूठी राष्ट्रवाद में जो वो लोग समझा रहे जिन्हें राष्ट्रवाद की परिभाषा तक नहीं आती। गुलामी के इस दौड़ में जो हमारी ज़मीर सोई है उन्हें जगाने की कोशिश कर रहा हूं। नेता जनता से होता है जनता नेता से नहीं होती। सवाल पूछना और बगावत करना अपने हक और अपने अधिकार के लिए लड़ना हमारा राष्ट्रवाद है। उन पूंजीपतियों के तलवे चाटने वालों को उखाड़ फेकने की ताकत सिर्फ जनता में है। देश की जो दुर्दशा है अगर वो आपके घर की होती तो आप क्या करते? बगावत और आंदोलन सदियों से नेताओं और पूंजीपतियों को पसंद कहां आयी है? जानें जाएंगी खून बहेगा पर असली राष्ट्रभक्ति तो अपने राष्ट्र की भक्ति है ना कि राष्ट्र को बेच खाने वालो की ।
बिहार विधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए अपनी बात रख रहा हूं । बिहार की जनता खुद समझदार है ।-
बड़े बड़े वादों की सौगात लाई है,
देखो फिर नेताओं को बारात आई है।
दुल्हन बनी बिहार की कुर्सी फिर से,
इनको अपनी जमीनों जात याद आई है।-
कर्ण
था वो बलवान और था मानुष महान,
धनुष की टंकार करती उसकी बखान।
लेकर कवच और कुंडल आया था वह,
सूर्य पुत्र और राधेय कहलाया था वह।
कुंती का लाला कहलाया सुत जाती वाला,
सहा नहीं क्या उसने छोटे भाग्य वाला।
वासुदेव सब जानते थे फिर भी रहे मौन,
भला भाग्य उसका बादल सकता था कौन?
धरातल पर जब उतरा खोया अपनी मां को,
इसमें दोष भी अगर दूं तो मैं अब किसको?
राधे ने जब पाया ये बालक रूपी वरदान,
विधाता ने दिया उसको दूध का पयान।
बालक था अज्ञानी किया अर्जित सब ज्ञान,
कर्म से अपनी दिखाया मनुष्य हैं सब समान।
शिष्य बनाया उसको भगवान परशुराम ने,
धनुर विद्या ऐसी दी महारण लगा था कांपने।
ज्ञानी तपस्वी कर्म और भुजबल का वह राजा,
दान कर्म में सबसे बड़ा था अंग का महाराजा।
जाती जाती सुनते आए मरण तक उसके कान,
होकर भी क्षत्रिय गिरने नहीं दिया सुत का मान।
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