न जाने कैसी ये तन्हाई है
न जाने कैसे आंखों में नींदे आई है
बदलते हालात पे वक्त से लिख रहा हूं
लोग कहते रहे बहुत कुछ ,मैं अपनो गमों को छुपा रहा हूं
आंखों में सच में दर्द है या रोना
ये हर दिन सभी से झुठला रहा हूं
अजी साहब मैं जिंदगी को खुद में गुनगुना रहा हूं
कुछ इसी तरह जिंदगी का सबब बना रहा हूं
राते गुजर रही थी , मै आंखों में नीदे बुला रहा हूं-
कितना कहर ढाना है ग़ालिब
कभी तो तेरी गलियों में भी उसका नाम आए
वो कहें भी कुछ न कभी
बिन कहे तेरी लबों पे उसका नाम आए-
न जाने वो क्यूं इतना याद आने लगी है
न जाने क्यूं उसकी याद इतनी सताने लगी है
हर तरफ हर जगह बस वही नजर आती है
सांस लेता हूं जब भी ,मेरी हर सांस में समा जाती है
शायद मुझे मोहब्बत, आज फिर आजमाने लगी है
इश्क़ है मुझे उस से ये जताने लगी है ❣️😘
I love you 😘💕❣️
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जो समझ न सके मेरे हालात को तुम
फिर तुम से क्या शिकायत करना
और जो खुद ही हमको गलत समझ बैठे है
अब उनसे क्या वफ़ा रखना-
आज फिर मोहब्बत में समर्पण हुआ
तेरी आंखें, मेरा दर्पण हुआ
उस आंखो को मैं कैसे भूलूं
जिस दर्पण को देख के मैं ऐसा हुआ
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फोन फुल चार्ज कर लेना मेरे दोस्त
मैंने सुना है कोयला एक ही तसला बचा है
🤣🤣😜😜😜-
गिरगिट तो यूं ही बदनाम है साहब
रंग तो समय के साथ इंसान बदलता है-
जब वक्त था अपनो के लिए तब अपने दूर थे
आज सब है मेरे अपनो के लिए
लेकिन आज वक्त की रेत से, वो बहुत दूर हो गया
रोते रहे लोग ,पास जाना भी चाहा
लेकिन फिर इस जालिम वक्त ने सबको मजबूर कर दिया
जिसके आने से सब हस उठते थे
आज वक्त ने एक पल में सब को रुला दिया
सब के प्यारे सिद्धार्थ को एक पल में जुदा कर दिया
सिद्धार्थ शुक्ला 🙏❣️😔😢-
न तुम बेवफ़ा थे न हम बेवफ़ा है
बस तुम्हारा SSC का प्यार था
और मेरा UPSC का, ये फ़र्क समझ न पाए हम
की तुम one day वाला love 💕 ho
और मैं long term relationship वाला UPSC
तुम कुछ दिनों में आती जाती हो
और मैं सालों किसी एक से मिलने के लिए तड़पन हूं
तुम oneday की success पे मिठाई हो
और मैं लोगों की दुआओं का मीठा फल हूं
न तुम बेवफ़ा थी ना हम बेवफ़ा है
मसला तो सिर्फ़ प्यार करने के तरीके का है-