Uppsc मेरा सपना बना है, इसका नाम सुनकर के चेहरा खिला है, इसमें selection के अरमाँ हैं दिल में! कहो आँधियों से ये तूफ़ाँ उठा हैं, ये जिद है ये चाहत, यहीं इंतेहा हैं हवाओं के साथ ही, चिराग भी जला हैं!! Uppsc अब तो सपना बना है!!
आज सभी सुहागिन अपना प्रेम जताएंगी, साँवरे, सजना को अपने पास बुलाएंगी, सजेंगी सवरेंगी,परियों के जैसी, भूखी भी रहेंगी, प्यासी भी रहेंगी, ऐसे अपने सजना पर प्यार लुटाएंगी!!
ये आँखे तुम्हारी हमें ही निहारें, दर्द भरा है आँखों में तुम्हारे, ये गमगीन क्यूँ हैं, ये दिन बदलेंगे, ये संघर्ष तेरा, जिताएगा तुझको, ये विश्वास तेरा, उठाएगा तुझको, तू संघर्ष कर आगे बढ़ता ही जा रे! वो ईश्वर भी हैं, जो बढाएगा तुझको!! ये आँखे तुम्हारी, कभी अब न रोयें, मन ये तुम्हारा हमको बुलावे, और आँखे तुम्हारी, वो रस्ता निहारें, ये आँखे तुम्हारी हमें ही निहारें!!
🙏अभय हूँ, निडर हूँ और निर्भीक हूँ, माटी में दबा मै तो एक बीज हूँ! माटी में दबा हूँ, उपज जाऊंगा, उठने की प्रकृति है तो उठ जाऊंगा!! हर माटी तो बंजर भी होती नहीं, हर गुठली भी पेड़ कभी बनती नहीं! जो गमले मे पल कर बड़े होते हैं, धूप लगने से ही मुरझा जाते हैं!! पत्थर पर उगा मै, मै तो देवदार हूँ, आंधी, पानी को सहकर भी बढ़ जाऊंगा!!