आलम कुछ ऐसा है
की हम अब ना तुम्हारे है
ना किसी के है
बस अकेले है शांत है-
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हा पर सायरी आ गई..
इसकी एक बड़ी दिलचस्प कह... read more
कौन कहता है हमने उसे याद नही किया है।
कभी हमारे घर की दीवारों से पूछो, मंदिर की चौखट से पूछो, मेरी आत्मा से पूछो।
मेने उसे याद नही बल्कि उसके लिए आसू बहाए है।।-
इस साल बहुत हुआ हिंदू – मुस्लिम।
इस साल बहुत हुआ धर्म – मजहब – मजहब।
अब त्योहार ईद का है तो मुबारक हो हम सभी हिंदू भाइयों की तरफ से।-
इतनी भी न करो किसी से मोहब्बत की मोहब्बत ही आपसे नाराज हो जाए।।— % &
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प्यार, प्यार, प्यार ये क्या रट लगा रहे हो आसान नही है मिट जाओगे ।
मोहब्बत किसी की नही होती टूट जाओगे।।— % &-
अपना समझते थे जिनको पराय लगने लगे हैं।
उनके प्यार के हर एक शब्द झूठे लगने लगे हैं।
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सुकून सुकून सुकून..........
छोटा था तब सुकून था।
हर समस्या का समाधान मम्मी और पापा ही तो था।।
अब बड़ा हो गया हुं।
समस्या का समाधान मम्मी-पापा तो नहीं अब हमारी थकान है।।-
सरमिंदगी दिखाना और आशा करना इन सब से सिर्फ निराशा ही हासिल होती है, कुछ करने के लिए उठना पड़ता है, जागना पड़ता है, मंजिल सबको मिलती है हौसला रखना पड़ता है।
कौन कहता है आसमान में सुराख हो नही सकता
शिद्दत से पत्थर उछालो तो यारो।-
कुछ रिस्तो का नमन ही दूरी होता है।
न मिलना भी बहुत जरूरी होता है ।।-
मेरे सपने में तुम किसी के बाहों में दिखी।
सच है क्या ? सायद किसी दिन सच हो जाए।
मेरी ऐसी किस्मत है क्या ?-