जरा अदब से उठाना इन बुझे दियों को, इन्होंने कल रात सबको रोशनी दी थी, किसी को जलाकर खुश होना अलग बात है, इन्होंने खुद को जलाकर रोशनी की थी | -
जरा अदब से उठाना इन बुझे दियों को, इन्होंने कल रात सबको रोशनी दी थी, किसी को जलाकर खुश होना अलग बात है, इन्होंने खुद को जलाकर रोशनी की थी |
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