Abha Khare  
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Joined 4 December 2016


Joined 4 December 2016
1 MAY 2024 AT 15:38

पढ़ेगी बेटी
जायेगी स्कूल
स्वयं से किये इस वादे को
खीसे में बाँध
वह अपनी भूख और तपती धूप
सीमेंट, मौरंग संग मिला देती है गारे में
और ढोती है एक इरादा
बिना थके...बिना रुके !

#मजदूरदिवस

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5 JAN 2024 AT 21:30

स्त्री उस हवा की तरह है
जो आँधी हुए बग़ैर भी
बदल सकती है मिज़ाज मौसम का !

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5 JAN 2024 AT 1:12

नामुमकिन था
समय को मुठ्ठी में बाँध पाना
फिर भी करनी चाही थी एक कोशिश
गुज़रे समय के
कुछ नरम और कुछ सख्त लम्हो को
समेट लेने की
और इस कोशिश में
गर महकी हैं हथेलियाँ मोगरे सी
तो रिसे हैं कुछ ज़ख़्म भी पोरों से ....!!!

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29 JUL 2023 AT 15:40

वह डरता था
मेरे रूठ जाने से
उसे डर था
कि मैं रूठी तो
बिखर जायेगा वह भी
उसका डर मुझे दे देता अवसर
उसे एक और उलाहना देने का
मैं कहती,
तुम्हें फिक्र है
मुझसे ज्यादा स्वयं की
और वह !
मेरे हर उलाहने को
ऐसे थाम लेता
जैसे थाम लेती है माँ
अपने मासूम बच्चे के फ़्लाइंग किस को

#पन्ने_प्रेम_के

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7 MAR 2023 AT 3:25

होठों पर चिपकी गाढ़ी लिपस्टिक और चौड़ी मुस्कुराहटें

आंखों में धारधार काजल और
क़तरा-क़तरा जीवन जी लेने की अबुझी प्यास

सलीके से सँवारे गए केश
कभी खुले लहराते और
कभी गूंथे
चोटी या जुड़े में

मन पसंद रंग के परिधान में
दमकता व्यक्तित्व

हर बार किसी स्त्री के फैशनपरस्त होने का प्रमाणपत्र नहीं होता

और न ही, उसके चोटिल मन को छुपाने के लिये किया गया कोई जुगत होता हैं

बल्कि, कई बार यह रूढ़ियों के विरुद्ध,
असहमतियों की देहरी लाँघते उसके आत्मविश्वास भरे पहले क़दम की उद्घोषणा भी होता है ..!

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6 JAN 2023 AT 17:23

कुहरा तू बेदर्दी
कर ना और सितम
जाँ लेगी ये सर्दी !

#माहिया

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14 SEP 2022 AT 21:26


अपना कर हिन्दी मिली, प्रखर सर्जना धार।।
पूरित करने भाव को, मिला शब्द संसार।
मिला शब्द संसार, सृजन की जागी आशा।
दिया ज्ञान भरपूर, बनी जन-जन की भाषा।।
देना है विस्तार, सभी का हो ये सपना।
कर हिन्दी में काम, चुका दें कुछ ऋण अपना।।

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6 SEP 2022 AT 20:49

मौन भी एक अभिव्यंजना है
उस कहे की !
जो कभी सुना ही नहीं गया ...!!

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18 AUG 2022 AT 23:36

यह चाँद भी न
किसी किस्सागो से कम नहीं !
यह रात की महफिलों में
झील की आसनी पर बैठ
आसमाँ की ड्योढ़ी के किस्से
न सिर्फ सुनाता है,
महसूस भी कराता है....!!

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3 JUN 2022 AT 18:53

प्रेम !
अबोध मन के सुफ़ेद दुपट्टे पर
उस रंगरेज़ की उँगलियों से टपका,
वह ख़ूबसूरत रंग है
दुनिया जिसे 'धानी' कहती है.....!!

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