6 JUN 2022 AT 21:40

मृगतृष्णा सी आस लिए
बढ़ते कदम है तेज रफ्तार लिए
पा जायें वो मंजिल शायद
जो सपने में बैठी है प्यास लिए ।

-आभा दवे

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