हाइकु
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शीत-चुभन
काँपता तन - मन
चाय गरम।
-आभा दवे-
वक्त की धारा संग जो सही दिशा की ओर चलते हैं
वह हर रोज़ सफलता की नयी सीढ़ी चढ़ते हैं।
-आभा दवे-
खुशी
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मन की खुशी जगाती प्यार
हर प्राणी का यही है आधार
धन,शोहरत,रुतबा सब हैं फीके
जीवन के आंनद का यही है सार।
-आभा दवे
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जय गणेश
करेगें वो प्रवेश
गली और आँगन
धूम मचेगी
भक्ति -प्रेम के संग
रंगेंगे आस्था रंग।
-आभा दवे
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शिक्षक दिवस की बधाई
संस्कारों की रहे कमाई
आदर्श आचरण हो सदा
जो मन पर छोड़े गहराई ।
-आभा दवे
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वक्त होता गुरु महान
वही देता सबको ज्ञान
खुद से परिचय कराए
छिपाए गुणों की खान।
आभा दवे
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कह मुकरी
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उसको देख सुहाना लागे
मन में तो उमंग सी जागे
उसको छू कर दिल है हर्षा
क्या सखि साजन?ना सखि वर्षा
आभा दवे-
समय
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समय का मोल जान लो ये कह गए कबीर।
गुजरा पल आता नहीं दोष देत तकदीर।।
-आभा दवे-
सेदोका
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रजनीगंधा
सुंदर श्वेत रंग
खूशबू भरे अंग
मन मोहते
पाते प्यार अपार
महकाए संसार।
-आभा दवे-