जो सपने अभी सजाने हैंजीने के तो वही बहाने हैंथक जाए तन थके न मनउम्मीदों के हम दीवाने हैं।-आभा दवे -
जो सपने अभी सजाने हैंजीने के तो वही बहाने हैंथक जाए तन थके न मनउम्मीदों के हम दीवाने हैं।-आभा दवे
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