Abha ✍✍  
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🇮🇳सत्यमेव जयते🇮🇳
🎂🎂December 26🎂🎂
Joined 3 April 2020


🇮🇳सत्यमेव जयते🇮🇳
🎂🎂December 26🎂🎂
Joined 3 April 2020
24 NOV 2021 AT 23:51

मैं करती हूं ,
क्षण मात्र
तुम्हारे प्रतिबिंब को देखने की
प्रतीक्षा..............
ठीक वैसे
जैसे आजीवन तड़पती है
आत्मा ......
मृत्यु उपरांत
परमात्मा से मिलन की
प्रतीक्षा में.....

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4 OCT 2021 AT 10:05

तुम इत्तिला करते रहना की मौजूद हो ,
हम समझ लेंगे कि जहां भी हो महफूज़ हो ।

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29 JUL 2021 AT 10:50

हम ज़माने की लाख जंग जीतें क्या ही फ़र्क पड़ता है ?
अपने दिल की हर जंग हमने हंसते हुए हारी है ।

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27 JUL 2021 AT 9:06

जब हृदय की धाराएं परिवर्तित होती हैं और मन में तूफ़ान उठता है ,
तब अक्सर आंखें हंसती है और मौन अधरों पर सवाल होता है ।

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11 JUL 2021 AT 21:42

खुश दिखना ,
मौन रहना ,
शांति लिखना ,
आसान नहीं होता ।
कितने ही भरोसे टूटते हैं ,
कितने ही रिश्ते छूटते हैं
और अनगिनत बार
हृदय रोता है ,
तब जाकर मानव
तटस्थ होता है ।

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10 JUL 2021 AT 22:15

एक चराग़ जलाना है दिल की दहलीज़ पर ,
कोई मुद्दतों से अंधेरा करके गया है ।

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8 JUL 2021 AT 13:28

जब तुम आना
तो आना खाली हाथ ,
न लाना साथ वादे अपने ,
न लाना झूठी उम्मीदों की सौगात ।
जब तुम आना
तो लाना साथ प्रेम ,
ले आना एक भरोसा ,
और न जाना
सांसारिक मोहमाया में उलझकर
मुझसे कहीं दूर ।

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25 JUN 2021 AT 13:18

एक लेखक उतारता है
अपनी व्यथा कोरे कागज पर ,
जब उसकी व्यथा समझने वाला
उसका कोई अपना नही होता ,
और जब उसका दुख
अत्यधिक हो जाता है |
पर लेखक के उस दुख का क्या ?
जिसकी आग में वो जलता है ,
जिसे लिखने की वो
हिम्मत भी नही करता है ,
और रहता है भयभीत
इस बात से कि कहीं उसका दुख
प्रकट न हो जाए संसार के सामने
और उसे झूठी सहानुभूति के कर्ज से ,
आजीवन दबना न पड़ जाये |
_ Abha✍✍

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20 JUN 2021 AT 12:44

पापा और मै
नही करेंगे पराया
एक-दूसरे को ,
न दिल से न मन से
न संसार की रस्मों में बँध के ,
नही कराएेंगे पार मुझे
पापा वो दहलीज़
जो मुझे पराया कर दे ,
कल मैं उनकी ज़िम्मेदारी थी
आज मैं ज़िम्मेदार हूँ ,
कल मैं उनकी कश्ती थी
आज मैं उनकी पतवार हूँ ,
कल मैं अपनी कश्ती को किनारा दूँगी
हाँ मैं पतवार बन अपने पापा को सहारा दूँगी ।

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12 JUN 2021 AT 16:26

ये बादल जो बरसते हैं इतना ,
जैसे अश्रु बहाते हों पीड़ा में ,
हल्का करते हों अपना मन
और कई दिनों का दुख
एक क्षण में भुला देना चाहते हों ।

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