Dekh tere sansar ki haalat kya ho gayi bhagwaan. . .
Kitna badal gaya insaan.-
Religion: Humanity (Lo... read more
Don’t demean bats,
we absolutely need
them for survival.-
Reminiscing a dynamic and knowledgeable leader, Pt. Jawaharlal Nehru on his 56th death anniversary.
Time may have trifled with Nehru. But time will also reveal him to be the giant that he was.-
It takes numerous days to completely read a book, and few seconds to acquire fake information from the university of WhatsApp.
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Japan is a culture shock, but in a marvelous way. Fushima Inari Shrine is such an excellent piece of art.
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मज़दूर है इसलिए जाने दीया
देखना सरकार तू किसे रुला रहा है, अपने ही मजदूरों को तू ऐसे नज़रअंदाज़ कर रहा है।
कुछ तो शर्म कर अपने इस जज़्बात पर; कि तू कुछ कर भी रहा कि. . . बस कागज़ पे भुगतान स्वीकृत लिखे जा रहा है।
अरे वो मजदूर है जो इस कठिन समय मैं भी तुमको लानत दिये बगैर अपने गम आँसू में बहाए चला जा रहा है।
मीलों चले हैं पर उसके मीलों अभी बाकी है. . . बस एक ही आस है उसकी किसी तरह अपने अपनो के पास मरने के लिये जा रहा है।
-अब्दुल मुत्तलीब चौधुरी-
मजदूर जो हूं मैं
अक्सर याद अता है इस मुसिबत की घड़ी मे,
मजदूर जो हूं मैं।
बुलन्द इमारतें बनाता हू,
लेकिन कभी उत्नी बुलंदी पर ना पहुंच सका हूं मैं।
ईंटों का वजन तकलीफ नहीं देता,
जितना बच्चों की भूख और ख्वाहिशें दे जाति है।
कठोर परिश्रम किया होती है जानता हूं,
फिर भी वही मकाम पर हूं मैं।
अगर पसीने की मिकदार से मेरी कीमत होती,
तो फिर मेरी अहमियत सबको पता होती।
भटक ना रहा होता इस् गार्मि कि मौसम मे,
पर मेरा दर्द कौन समझेगा. . . मजदूर जो हूं मैं।
—अब्दुल मुत्तलीब चौधुरी-
किस लफ़्ज़-ए-रूह में ब्यान करे की यहाँ क्या क्या हम इंतज़ाम करते हैं. . .
बड़ी शिद्दत-ए-इश्क़ से इस फलों के बादशाह का हम एहतमाम करते है।-
चाय की छोटी दुकान भी खुलवा दीजिए जनाब. . . सब लोग शराब के शौकीन नहीं होते।
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If I could have access to Death Note, I would've certainly included the name; CORONA die of VIRUS.
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