Abdul hakim shaikh   (Hakim_thought ✍)
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Joined 27 October 2019


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Joined 27 October 2019
9 OCT AT 22:10

सिर्फ कहने के लिए हैं सारे रिश्ते यहाँ,
दिल से निभाने वाला कोई नहीं, यहाँ
हर चेहरा मुस्कुराहट में भीतर छिपा है,
दिल के सुकून का साया कोई नहीं यहाँ

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8 OCT AT 20:18


इश्क़ वो राज़ है जो समझ मे नहीं आता,
हर सांस में बस उसी का नाम हैं आता।
मिले जो ज़ख्म उन पर मरहम भी उसी का,
ना चाह कर भी दिल उसी छांव मे चला आता

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7 OCT AT 20:22

ख़्वाब आईना हैं, जो दिल दिखा जाते हैं,
हक़ीक़त से बढ़कर हमें यूं रुला जाते हैं,
कुछ पूरे होकर भी ताउम्र अधूरे रह जाते
कुछ अधूरे होकर भी सुकून दे जाते हैं। ✨

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7 OCT AT 15:02

भीड़ में रहकर भी ऐसे तन्हा हूँ
हंसी लम्हों में गम के साये में हूँ
जिसे चाहा था, वही दूर चला गया,
अब बस गुजरी यादों के साये मे हूँ

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7 OCT AT 8:37


सबसे अच्छा जीवन वही, जहाँ मन हल्का रहे,
हर दर्द में भी मुस्कुराने का जज़्बा खूब रहे।
ना चाह में उलझे, ना ग़म का बोझ उठा कर चले,
जिसे जो मिला उसमें ही सुख का सिलसिला रहे। ✨

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6 OCT AT 21:55


वो लम्हे थे जैसे खुबसुरत सौग़ातें,
पर दिल में ही रह गईं अधूरी बातेँ।
छूकर भी जो दिल को ना छू सकीं,
याद बन गईं कुछ अधूरी मुलाकातें। 🌙

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6 OCT AT 9:27

निर्मल मन जब होगा, जीवन धन्य होगा,
हर दर्द में भी छुपा, मधुर स्पंदन होगा।
लोभ, क्रोध, मोह सब मिट जाएंगे जब,
मन में बस प्रेम का सच्चा चिंतन होगा। 🌿

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5 OCT AT 23:08

ना चाहते हुए भी तुम से मोहब्बत कर बैठे,
दिल के जज़्बात में अपनी हसरत भर बैठे,
रोकना चाहा मगर दिल न रुक पाया कभी,
हम तो अपनी चाहत में खुद को मिटा बैठे।

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5 OCT AT 11:02

खुश रहने में कुछ नहीं लगता,
बस दिल को हल्का बनाना पड़ता हैं
ग़म आए तो भी मुस्कुरा देना,
हर दर्द को गीत बनाना पड़ता हैं।

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5 OCT AT 10:57

कुछ कहानियों का अंत यूँ ही अधूरा रह गया,
लबों पे नाम था पर दिल कुछ और कह गया।
जो लिखा था किस्मत में, वो पूरा न हो सका,
मगर हर दर्द में भी चाहत का असर रह गया।

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