Abdul Ansari   (Abd)
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Joined 28 September 2018


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Joined 28 September 2018
14 APR 2022 AT 1:15

बिखर रही है मेरी ज़ात उसे कहना
वो साथ थी तो ज़माना था हमसफ़र मेरा
अब कोई नहीं है मेरे साथ उसे कहना,
उसे कहना के बिन उसके दिन नहीं गुज़रता
जग जग के कटती है रात उसे कहना,
उसे पुकारूँ या खुद पहुँच जाऊं उसके पास
नहीं रहे वो हालात उसे कहना,
ग़र वो फिर भी ना लौटे तो ऐ मेहरबां क़ासिद
मेरे ज़ीस्त के हालात उसे कहना,
हर जीत उसके नाम कर रहा हूँ मैं
मैं मानता हूँ अपनी हार उसे कहना💔

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7 APR 2022 AT 18:20

अधूरे हैं तुम्हारे बिन ये रोज़-ओ-शब जानां,
के तुम मिल जाओ तो ये ज़िन्दगी तक़मील हो जाये.

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18 MAR 2022 AT 10:37

बस एक नज़र तुम्हे देखकर मर जाना,
तुम्हे बिन देखे "जीने" से बहतर है...

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15 MAR 2022 AT 19:01

ये हिज्र फ़ना कर जाएगी मुझे,
खुदा से मेरी खैरियत मांगा कर..

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14 MAR 2022 AT 19:55

तुम मुखातिब भी हो, करीब भी हो
तुम को देखूं, की तुम से बात करू..

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1 DEC 2021 AT 1:03

तुमसे ढेर सारी बातें करनी है
आओ न पूरी जिंदगी लेकर..

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12 OCT 2020 AT 14:01

दिल मे रह कर दिल दुखाते हो.
अपना मुक़ाम देखो और अपने काम देखो..

🖤🖤

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9 AUG 2020 AT 22:20

तेरे बाद भी दिल कुछ चाहे
दिल की इस बग़ावत पे लानत..

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25 JUL 2020 AT 18:29

दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,
ये गांव का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..

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24 JUL 2020 AT 12:24

ख़्वाहिश ए जिस्म तो क़ल्ब की अय्याशी है,

इश्क़ तो रूह से रूहानी हुआ करता है..

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