तालाब के किनारे, रात और तन्हाई,
मछली का खेल, दिल को सुलगाई।
निठल्ले दिनों में रिस्क को तरसे,
ना मिला रिस्क तब मछलियों पर बरसे।-
वैसे भी हमे कीड़े पसंद नही ,
...
जिंदगी मे मिठास सबकुछ... read more
लगता है, आंसू का ही समंदर है
वरना हर आंसू, खारा नहीं होता |
मखलूकको, खालिक ने समंदर से बनाया है
वरना हर आंख में, आंसू नहीं होता ||
-
हमें अपनो ने लूटा गैरो में कहा दम था,
हमारा पैर वहा गिरा जहा चुना कम था-
बुम बराडा 😂😂-
Just reached Eidgah for dua,
feeling recall I was with dad
बस दुआ के लिए ईदगाह तक पहुंचे थे कि,
मुझे याद आया कि मैं अब्बा के साथ था-
गिरते हुए गुलाबको, रोका न किजीए
हर शाम ढलती है, टोका न किजीए
नई किताबें बहोत बिकती है बाज़ारोमे
गिरी हुई पंखुडीको संभाला न किजीए-
आज फिर मगरीब से फिझा आई है
'फकीर' की दुआ से खुशीया लाई है
गम है हमे अपनोको खोनेका
फिरभी इद हमने खीर से मनाई है-
माना हमने , माना हमने की....
बेटी पारस है, बेटा लावारिस है
बेटी अंस है, बेटा कंस है
बेटी शान है, बेटा बेईमान है
बेटी मन है, बेटा म्रुत जीवन है
बेटी बाग है, बेटा पतझड़ है
बेटी दुआ है, बेटा बद्दूआ है
बेटी भाग्य है, बेटा कलंक है
बेटी संस्कृति है, बेटा विक्रुती है
बेटी हुइ तो स्वर्ग मिलेगा
बेटा तुमको बेच खाएगा
बेटी नाम कमाती है , बेटा खानदान डुबोता है
बेटी ... बेटी... बेटी... नाम काफी है लक्ष्मीका
बेटा रावण, कंस, दुर्योधन सब माने जाएंगे
आज हर घरमे एक बेटा या बेटी है..
कैसे पहचानोंगे लक्ष्मी या पनोती है..
है ईश्वर कीसीको भी बद्द दुआ मे बेटे देना
सिर्फ बेटीयां ही संसार चलाती है..
कास इस कलयुगी संसार मे बेटे को गरम दूध मे उबाल कर मार सकता
आज के कलयुगी संसार का यही सच है
बेटो की अंत ही रावण का अंत है..-
रीया तेरी शायरी सोहबत तरसती है ।1
कान लाचार है, बातें दिलमे बसती है ।2
उचा सुनकर नहीं मुंह मोड पाती तुम ।3
कडवी किताबें ही अंदरसे सवांरती है ।4-
नसीबा नही चमकता,
हाथ चमकने वाले के,
क़िस्मत घर दस्तक देती है,
सिद्दत से महोब्बत करने वाले की..-