आयुष कुमार   (आयुष)
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ज़िंदगी गुलज़ार है।
Joined 11 May 2020


ज़िंदगी गुलज़ार है।
Joined 11 May 2020
7 JAN 2022 AT 11:41

यू तो रास्ते हजारो है, ,
मगर हमारी मंजिले तो एक है।।।
तो क्यो!! चले अलग रास्ते पर,
जब हमारी मंजिल है एक।।।

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6 NOV 2021 AT 16:46

वक़्त को थोड़ा आराम दिजिए,
बित रहे लम्हों को नई शाम दिजिए ।
वक़्त ने फिर से पुरा अभिमान किया,
हर घड़ी से वक़्त का मिलना भी अनजान किया।
वक़्त से वक़्त पे जिक्र ज़रा हो जाये,
बिन मांगे थोड़ी फिक्र मिल जाये।


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1 SEP 2021 AT 7:12

धीरे-धीरे सब कुछ बदल जायेगा,
ये बरसात भी बहार बन जायेगा।

नज़र पङते ही तन भी कुन्दन बन जायेगा,
नये धागो का बंधन बन जायेगा।

सबकुछ फिर से खिल कर महक जायेगा,
अतीत का साया भी मुक्त हो जायेगा।

सबकुछ फिर से संवर जायेगा,
प्रचंड भंवर भी विलुप्त हो जायेग।

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28 AUG 2021 AT 16:38

May be differences are too different..
May be nothing matches between us.
May be decision taken earlier was not right.
May be, May be we are meant to be.
But, if we don't walk atleast even one step together then How would you know?

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30 JUL 2021 AT 11:28

अब हर घङी तेरा मूल्यवान है,
समझा कर नही तो सब व्यर्थ के नाम है।
मुर्खो का दामन, तो तेरा ही अपमान है,
चला जाऐग ये वक्त भी जो अभी तेरे नाम है।


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30 JUL 2021 AT 8:31

Being available for someone is today's best insult
people think they are useless but being present always for someone is not being useless it's all about priority and attention..

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27 JUL 2021 AT 9:14


यु नाज़ुक से प्यार को HOLLOW न कीजिए

अब बातें नही होती तो कृप्या UNFOLLOW तो मत कीजिए

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14 JUL 2021 AT 8:54

दुसरो के लिए खुद के व्यवहार को बदलना आवश्यक नही है, खुद में बदलाव करिये, दुसरो के व्यवहार खुद-ब-खुद बदल जाएगे ।

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14 JUL 2021 AT 7:54

अपने अभिमान को अपने सम्मान से उपर मत करिये,
अभिमान सद्गुणो का नाश करता है, और सम्मान सद्गुणो मे वास करता है।
अहंकार कीजिए, परंतु स्वाभिमानी बनकर अभिमानि होकर नही ।

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7 JUL 2021 AT 7:05

जीवन मे अभी परिस्थितीया कठोर होगई है,
अंधकार के मरम से नयन नीर होगई है ।।

करुण पीङ से अवचेतन को संकीर्ण कर गई है,
सागर एवं नभ को सर्व दीन कर गई है ।।

जल से जल की अंबुझ प्यास ले गई है,
अकुल भेट से गर्भित इक आस दे गई है।।

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