यू तो रास्ते हजारो है, ,
मगर हमारी मंजिले तो एक है।।।
तो क्यो!! चले अलग रास्ते पर,
जब हमारी मंजिल है एक।।।-
वक़्त को थोड़ा आराम दिजिए,
बित रहे लम्हों को नई शाम दिजिए ।
वक़्त ने फिर से पुरा अभिमान किया,
हर घड़ी से वक़्त का मिलना भी अनजान किया।
वक़्त से वक़्त पे जिक्र ज़रा हो जाये,
बिन मांगे थोड़ी फिक्र मिल जाये।
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धीरे-धीरे सब कुछ बदल जायेगा,
ये बरसात भी बहार बन जायेगा।
नज़र पङते ही तन भी कुन्दन बन जायेगा,
नये धागो का बंधन बन जायेगा।
सबकुछ फिर से खिल कर महक जायेगा,
अतीत का साया भी मुक्त हो जायेगा।
सबकुछ फिर से संवर जायेगा,
प्रचंड भंवर भी विलुप्त हो जायेग।-
May be differences are too different..
May be nothing matches between us.
May be decision taken earlier was not right.
May be, May be we are meant to be.
But, if we don't walk atleast even one step together then How would you know?-
अब हर घङी तेरा मूल्यवान है,
समझा कर नही तो सब व्यर्थ के नाम है।
मुर्खो का दामन, तो तेरा ही अपमान है,
चला जाऐग ये वक्त भी जो अभी तेरे नाम है।
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Being available for someone is today's best insult
people think they are useless but being present always for someone is not being useless it's all about priority and attention..-
यु नाज़ुक से प्यार को HOLLOW न कीजिए
अब बातें नही होती तो कृप्या UNFOLLOW तो मत कीजिए
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दुसरो के लिए खुद के व्यवहार को बदलना आवश्यक नही है, खुद में बदलाव करिये, दुसरो के व्यवहार खुद-ब-खुद बदल जाएगे ।
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अपने अभिमान को अपने सम्मान से उपर मत करिये,
अभिमान सद्गुणो का नाश करता है, और सम्मान सद्गुणो मे वास करता है।
अहंकार कीजिए, परंतु स्वाभिमानी बनकर अभिमानि होकर नही ।-
जीवन मे अभी परिस्थितीया कठोर होगई है,
अंधकार के मरम से नयन नीर होगई है ।।
करुण पीङ से अवचेतन को संकीर्ण कर गई है,
सागर एवं नभ को सर्व दीन कर गई है ।।
जल से जल की अंबुझ प्यास ले गई है,
अकुल भेट से गर्भित इक आस दे गई है।।-