दर्द को दर्द में ,
दर्द से मुलाकात हुई;
इसी कहानी से ...
कुछ अंत की शुरूआत हुई!!
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हे चंद्र-प्रेयसी!
हे चंद्रप्रेमी!
तुझे ऐसी भी आश हैं क्या?
तू रोमरोम से उसकी...
ऐसी असीमित ये प्रीत हैं क्या?
बेसुध से तू परे खूब हो,
बोलो फिर क्यों अडिग बहुत हो?
वाजिब हैं क्या मीरा बनना,
सर्वस्य खुद का निछावर कर देना?
क्या अलग विडंबना हैं...
जो तेरे लिए हैं सर्वपरी,
वो औरों के लिए बस एक लीला हैं;
क्या मिलके कभी बताओगी?
ये सुनीसुनाई बातों में क्या सच है ज़रा जताओगी?
यूं नयन तेरे जो गहरे हैं,
पढ़े घाव बहुतेरे हैं;
बरखा सी तेरी हसीं अनमोल,
बोलो कैसे बांधी ये डोर ??
- aayushi 🥀-
Be happy ,
Not only because you need to be..
Instead you deserve to be;
Feel pain,
Not only because society asking you to..
Instead there's learning awaiting to reflect upon;
Cry,
Not only because it's aching..
Bt because sometime letting go is only thing to hold on!!
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कभी देखा हैं ..
खुद को खुद से बदलते हुए ;
बीते लम्हों से खुद को संभलते हुए;
अनकही पहेली को खामोशी से छोड़ते हुए;
बेशकीमती रिश्तों को क्षणभंगुर होते हुए;
ताकत - कमजोरी को मेल जोल करते हुए;
बदहाली में भी हस के मचलते हुऐ;
हर दिन से अपनी मौजूदगी लिखते हुए;
उड़ते हुए परिंदो में..
यकीन ए ख्वाईशे पढ़ते हुऐ;
कुछ जुनून को जिद्द से मुकाम देते हुए;
जिंदगी को जिंदादिली का अदा देते हुए!!-
बेतुकी सी लगती हैं..
बेमतलब की चुप्पी,
अफसोस की बेशुधगी,
और बेफिक्री सी मोजुदगी!!-
कुछ बातें अक्सर ऐसे ही याद आते हैं,
भीगी पलकों में मुझे ही छोड़ जाते हैं!!
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ये जो रात राग सुना रही हैं..
जाने किसको ही सवार रही हैं;
बेशक कुछ बेशकीमती होगा
जिसे इतना अपना बना रही हैं!!-