तेरे लबो की तलब मिटाने को , मैंने हर इंतज़ाम रखे
कभी लबो पर आग रखी , कभी लबों पर जाम रखे !-
जानने के लिए कोट्स पढ़िए ♥️
Follow me on Insta ... read more
मतलबी इस ज़माने में _ रिस्क तो है
फिर दिल आजमाने में _ रिस्क तो है
-
खुद को बताया सच्चा और मुझे मक्कार कहने लगी
था मैं समझता दोस्ती जिसे उसे वो प्यार कहने लगी
रूठ गया मैं एकदिन , की अब तो वो मुझे मनाएगी
उसने हाथ थामा रकीब का , मुझे खुद्दार कहने लगी
-
वो भी था एक वक़्त जब अपना इश्क़ सरेआम था
तू मेरी भोली राधा थी , मैं तेरा नटखट श्याम था
कल अंधेरा माँगने आया था , भीख रोशनी की
मैंने जला दिए वो सारे खत , जिनपर तेरा नाम था-
अब सिर्फ तुम्हारे इंतजार में हम पलके बिछाते है
अब आ भी जाओ हमारे सांता हम तुम्हे बुलाते है
यहाँ लोग इतने अच्छे नही , जितना वो दिखाते है
बुराइयों को जलाते नही बस रावण को जलाते है
पूछा जाए हमारा पता तो फक्र से भारत बताते है
पर भाई-भाई के बीच मज़हब की आग जलाते है
कुछ हैवान ऐसे है जो हमारी बेटियों को रुलाते है
ईमान के रखवालो को पैसों की अकड़ दिखाते है
चुनाव आते ही जनता से हज़ारो वादे कर जाते है
नेता की कुर्सी मिलते ही जनता का पैसा पचाते है
देश मे लगी हर आग को , आओ मिल बुझाते है
अब आ भी जाओ हमारे सांता हम तुम्हे बुलाते है
-
मेरी गलतियों को पापा से छिपा करती है रहम
मेरी हर मज़ाक मस्ती को , वो करती है सहन
क्या ही जिक्र करू उसका अपने अल्फाज़ो से
खुदा का दिया , नायाब तोहफा होती है बहन
-
बिल्कुल गुलाब जैसी हो और गुलाब लगती हो
जिसका नशा उतरता नही वो शराब लगती हो
और कितना आफरीन बनाया है , तुम्हे खुदा ने
तुम हकीकत नही लगती एक ख्वाब लगती हो-
जब तक मेरी मोहब्बत का किस्सा खराब हो जाए
सोचता हूँ उससे पहले एक ग्लास शराब हो जाए-
सबसे पहली , सबसे गहरी , खबर है अखबार की
देश की एक और बेटी , शिकार हुई बलात्कार की
दौलत लेलो , शौहरत लेलो , लेलो हीरे की पेटियाँ
बदले में कोई सुरक्षित करदो मेरे भारत की बेटियाँ
दामिनी निर्भया आसिफा , अब प्रियंका पर वार है
सिर्फ कुछ हैवानो की वजह से मानवता शर्मसार है
-
मेरे चाँद को भी आज चाँद का इंतज़ार है
मैं शायर हूँ और मुझे दोनों चाँदो से प्यार है-