यूं तो हम मुखौटा भी लगा सकते थे।
हम अपने आंसू छिपा भी सकते थे।
तुमने ही कहा था समझोगे हमें,
वर्ना अपने राज दबा भी सकते थे।
तुम डरे थे हमारे जख्म के दाग से अगर,
हम अपने संघर्षों को छिपा भी सकते थे।
तुम्हें शिकायत थी शोर की अगर,
हम अपनी सिसकियों को दबा भी सकते थे।
-
― Maya Angelou
I am not... read more
"गमों के हर पहर में तुम्हारे साथ मिलेंगे हम,
भले ही तुम्हारी खुशियों में जिक्र में भी ना हो हम,"-
जब धुंध छट जाएगी, तब बहुत कुछ दिखेगा,
पर जो दिखेगा, शायद वह धुंध से भी ज्यादा रहस्यमयी होगा
वो मनोरम होगा या होगा मन विदारक।
.
.
( कैप्शन पढ़ें)-
न हारने वाली कसर पैदा कर,
अमर हौसलों की उम्र पैदा कर,
सभी भाग रहें रफ्तार में लेकिन,
ठहर और,
नजारों को निहारने की नजर पैदा कर।-
जानता हूं कि दुनिया किराए का घर है,
पर मैं इसे भी सजाना चाहता हूं।
हो साथ अगर आपका तो,
मैं इसे भी जगमगाना चाहता हूं।
चुकाया है किराए हमने भी इसके,
तो थोड़ा सुस्ताना भी चाहता हूं।
जानता हूं जाना है एक दिन सब छोड़कर,
पर जबतक घर है ये मेरा,
तबतक सच में मैं जी लेना चाहता हूं।-
आसमान में किसी के ठिकाने नहीं होते,
जो जमीं के नहीं होते वो कहीं के नहीं होते।-
A warrior on his knee,
Who wants to be free.
A dagger on his back,
He wants to bounce back.
Trying to hide his pain,
But every effort in vein.
Refused to give up,
Ready to get up.
Determined to fight back,
For his own right.
Not to take revenge,
But to show his presence.-
कल फिर से एक नई शुरुआत होगी,
सूरज को देखे बिना ही फिर से रात होगी।
ये शहर है साहब, इसके जज्बात नही होते,
बिन मतलब,
यहां किसी से किसी की बात नहीं होती।
पहचान तो हमारी भी हैं सैकड़ों से,
पर किसी के दोस्तों में हमारी गिनती नहीं होती।
-
क्यों रुक जाएं रास्तों के अभाव में?
क्यों थम जाएं हालात के दबाव में?
जब मंजिल ही अलग है हमारी सबसे,
तो क्यों हम रहें, अजनबियों के प्रभाव में?-