किसी कि भी तरह बनने की कोई ख़्वाहिश नही है, जहाँ हूँ यहाँ पहुँचने में किसी की सिफ़ारिश नही है, कदम डगमगाते है ' आयुश 'पर फिर भी चल रहा हूँ, ये मंज़िल आसानी से मिलने वाली नवाज़िश तो नही है— % &
बड़े मुश्किलों से पाया था, पर आसानी से जाने दिया हमने लोग मर जाते होंगे बिछड़ कर, पर हमने तो जीना सीख लिया,, और मुंह खोलकर बोलना दिल खोलकर नही, सीखा हमने विष जो शिव ने कंठ में रोका था, वो मैने एक घूंट में पिया हमने और ,,,,,,,,,, ये मुहब्बत और चाहतों की रिवायतें हमको, समझ आती नही है तुम्हारी शिकायतें हमको, कह जाना छिपा लेने से बेहतर होता है यकीनन, मगर यूं झुठला जाना तुम्हारा समझ आया नहीं हमको!!
बड़े मुश्किलों से पाया था, पर आसानी से जाने दिया हमने लोग मर जाते होंगे बिछड़ कर, पर हमने तो जीना सीख लिया,, और मुंह खोलकर बोलना दिल खोलकर नही, सीखा हमने विष जो शिव ने कंठ में रोका था, वो मैने एक घूंट में पिया हमने और ,,,,,,,,,, ये मुहब्बत और चाहतों की रिवायतें हमको, समझ आती नही है तुम्हारी शिकायतें हमको, कह जाना छिपा लेने से बेहतर होता है यकीनन, मगर यूं झुठला जाना तुम्हारा समझ आया नहीं हमको!!
ना कल हम होगे , और ना ही कोई गिला होगी सिर्फ एक सिमटी हुई यादो का सिलसिला होगा चल रहा है ये जो समय , जो लमहे मिले हंस कर ज़िलो ना जाने आने वाली ज़िन्दगी का क्या फैसला हो ||
🅗🅐🅟🅟🅨 🅓🅘🅦🅐🅛🅘🪔🪔 असत्य पर सत्य की विजय का ये त्योहार है पावन, अंधकार मन का दूर हो और स्वछ हो तन मन, दुःख और उदासियां कभी नज़दीक न आयें, कुछ इस तरह हो जीवन में खुशियों का आगमन............