अजीब सा ख़ौफ़ था उस शेर की आँखों में,
जिसने जंगल में हमारे जूतों के निशान देखे थे.-
वक़्त वक़्त की बात है दोस्त कल मेरे साथ थी।
और आज मुझसे दूर मुझको तड़पा रही हैं।
अजीब सा ख़ौफ़ था उस शेर की आँखों में,
जिसने जंगल में हमारे जूतों के निशान देखे थे.-
जो लोग मौत को ज़ालिम क़रार देते हैं
ख़ुदा मिलाए उन्हें ज़िंदगी के मारों से-
मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनिया में,
इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं।-
पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है,
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह!-
“बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं तस्वीर अपनी!
मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!”
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tu bata to sahi kabhi Yaad aata hun main,
sayad lagta hai yaadon me na rah jaaun.-
tum behad Yaad Aati ho kya karen.
par main khud ko sambhaalen hua hun-
Aaj Phir Waqt hai tera intezaar hai,
Tum aao na kabhi sapno me mere.-