है मुश्किल फ़िर भी करना चाहता हूं
कली में रंग भरना चाहता हूं।
मेरी हर राह को रोको रकीबो,
मै ख़ुद में से गुजरना चाहता हूं।-
आपको भी जानता हूं मै
इस इश्क़ का ताउम्र मुझे मलाल रहेगा।
हुआ क्यों था,तुमसे ये सवाल रहेगा।-
मेरी उदाशिया तुम्हे कैसे नज़र आयेंगी।
तुम्हे देख कर तो हम मुस्कुराने लगते हैं।-
वैसे तो सभी को पता है,
क्या आज की कहानी है?
लेकिन अब तो यही लगता है,
यह बस दो दिनों की रवानी है
जय हिंद-
मै दिन सा,और वो रात सी
फ़िर क्या?
हमरा मिलना तो शाम,
की तरह होना ही था।-
रास्ते कैसी भी हो,
मंज़िल मिलनी चाहिए।
लेकिन जब मंज़िल ही न रही,
तो रास्तों का क्या करना....-
हमने एकदुसरे के दिल में घर बना लिया।
यही बात कितने लोगो के दिल में घर कर गई।-
ज़िंदगी ऐसे दोराहे पे है इन दिनों
वो मेरी हो भी नहीं सकती
और मुझको किसी और का ,
होने भी नहीं देती।-
बहुत मुश्किल है राहे मुहब्बत
जब भी लगता है।
सफ़र ख़त्म होने वाला है ,
एक नया मोड़ आ जाता है।-
जिसने मुझे मौत से लड़ना सिखाया।
आज वो खुद मौत से हार गया ।
क्यों सुशांत क्यों??
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