Aastha Singh   (Aastha Singh)
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Joined 13 December 2019


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Joined 13 December 2019
20 DEC 2023 AT 21:13

I'll cage my feelings,
So you can be free...

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31 DEC 2022 AT 9:30

नींद खुलने के बाद, तेरा मेरी बाहों में न होना
और मेरा घबरा सा जाना।
तुझे बाहों में लेकर मेरे आंखों का नम हो जाना
दिल में भारीपन लेकर हर बार तुझे एहसास दिलाना
की खास हो तुम।
आखिर में तेरी हर बात मान लेना
गुस्से को दूर कर तेरी नम भरी आंखों को पोछना,
अब इन एहसास का ख्वाब सा बन जाना।
मेरा भरोसा टूट सा जाना
मेरे दर्दों का खामोश हो जाना,
उस तोहफे का खैरात बन जाना
तेरा मुझे छोड़ सा जाना।
इस अकेलेपन में बस तेरे ख्यालों का होना
मेरा खुद से भरोसा टूट सा जाना,
इन लफ्जों को कह कर मेरा रो सा जाना
अब तुम्हे सुकून तो देता है न।

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28 DEC 2022 AT 17:44

तेरी तस्वीर को सीने से लगा
सोने के अलावा कोई चारा न रहा,
तेरी वो बातें और वो यादें
एक भी पल ग्वारा न रहा।
लो अब अलग हो ही गए हो,
तो हमारी एक और फरियाद का
कोई बहाना ही न रहा।

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3 AUG 2022 AT 20:13

के दर दर फिरी हूं
उस चौबारे से चौखट तक
घूरती निगाहों से अनजानी राहों तक
काली रातों से सुबह की अरुणिमा तक
मंज़िल को पाकर डूबते किनारे तक
उन राहों से दूर एक कोने के अंधेरे तक
दुआओं से शिफारिश तक
खुद को खो तुझे पाने की कोशिश तक
सिसकियां भरती आहों से दम तोड़ती उम्मीदों तक
सब कुछ बयान कर जाने से उस ख़ामोशी तक
हां मैंने उस बेरागन को देखा है,
मुकूर के सामने कतरा कतरा बिखरने तक।

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13 JUL 2022 AT 9:09

नहीं हूं मैं अकेली
मैं, मेरे ख़्वाब और ये
काली तन्हा रातें हैं साथ।
मेरा दिल भी यहां और
तेरे एहसास भी है साथ,
बस खो सी गई हूं लोगों की भीड़ में
शांति तो है पर सुकून नहीं।
सब कुछ छोड़ कर
कुछ नहीं है मेरे पास,
शायद बस मैं और
तेरी यादें है साथ।

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22 JUL 2021 AT 22:37

ज्ञान तो सभी देते हैं,
साथ देने वाला चाहिए।

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22 JUL 2021 AT 0:20

उसने उसे टूट कर चाहा,
तुम उसे टूट कर चाहती हो।
तुम भी तो इंसान ही हो,
थोड़ा खुद के लिए क्यों
नहीं जीती हो।

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21 JUL 2021 AT 3:42

उस कोने में खड़े होके मैंने
तुम्हें उसकी बाहों में मशरूफ
होते देखा है,
आसमान से उस तारे को रूठ कर
टूटते देखा है,
तुम मेरी बेईमानी की बात करते हो
इन्होंने दर्द बड़ी करीब से देखा है।

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17 MAY 2021 AT 23:14

ये हर दफा होना जरूरी है क्या,
इश्क़ जिससे भी हो
उसका ख्फा होना ज़रूरी है क्या?
और इश्क़ दर्द है भी तो क्या,
उसका दवा होना ज़रूरी है क्या?

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2 MAY 2021 AT 21:00

मैं तुम्हे दोश भी क्या दूं,
इश्क़ तो मैंने तुमसे किया था
तुमने मुझसे नहीं।

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