आज फिर इन्सानियत शर्मशार हुई है,
कि, एक लड़की की इज्जत तार-तार हुई है।।
-
AASTHA SINGH
(Aastha Singh)
298 Followers · 64 Following
शायरी नहीं सीख लिखती हूं,
पेशे से हूं "विद्यार्थी" अभी,
इसलिए, थोड़ी "ज़िन्दगी" भी पढ़ती हू... read more
पेशे से हूं "विद्यार्थी" अभी,
इसलिए, थोड़ी "ज़िन्दगी" भी पढ़ती हू... read more
Joined 12 January 2019
4 SEP 2020 AT 1:11
4 SEP 2020 AT 0:21
"RAPE"
किसी छोटे से प्रदेश की,
एक छोटी सी मासूम थी वो।
किसी मध्यम से परिवार की,
एक छोटी सी जान थी वो।
बस अपनी हैसियत से ज्यादा,
उड़ना चाहती थी शायद।
खुले आसमान के नीचे,
सोने की ख्वाहिश थी शायद।
मालूम ना था शायद उसे,
कि, सिर्फ देश आजाद है अभी हमारा।
मालूम ना था शायद उसे,
कि, अभी अस्तित्व की आजादी बाकी है।
-
31 AUG 2020 AT 21:29
सही को सही अौर गलत को गलत कहने की हिम्मत रखती हूँ।
हां,मैं इसीलिए आजकल रिश्ते थोड़े कम रखती हूँ।।-
29 AUG 2020 AT 18:50
ये बेशर्म सी मुहब्बत,
ये बेशर्म सी यादें,
मुझे भी बेशर्म बनाती जा रही हैं।।
-
20 AUG 2020 AT 0:58
नहीं आएगा कोई,
तेरी हर चोट पर.....लगाने को मरहम।
"बेवजह आश न रख, किसी ऐसे हमदर्द की"-
17 AUG 2020 AT 22:39
मम्मी के जैसे नहीं, वो मम्मी की भी दादी है।
वो जो बहन है न मेरी,वो सबका नंबर काटी है।।-
15 AUG 2020 AT 18:24
लिपट कर देशभक्त कई,
तिरंगे को कफन बनाते हैं
"यूँ ही नहीं दोस्तों हम,आजादी मानते हैं"
-