माटी में जिसने भी लहू मिलाया है
वो एक एक चेहरा अमर कहलाया है।
वीरता की अनगिनत कहानियों से,
भारत का इतिहास रचाया है।
चाहे दरिंदों का हिसाब बकाया हो,
पर ये कहना गलत है,
कि इस आज़ादी का कोई मोल नहीं,
शायद, हमनें ही भारत माता को ऐसे सजाया है।
आज देश में ग़म का माहौल छाया भले ही,
पर कहूँगी फिर भी एक ही बात,
आज़ाद हिंद को हमने, सपनों से बनाया है।
हिंद देश हर हिन्दुस्तानी का सरमाया है।
हमनें जिस भी कीमत पर आज़ादी को पाया हो,
हर कुर्बानी से बनी हिंद देश की काया है।
~आस्था
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Love to have nature in clicks!!!
Volleyball is love!!
कुछ तुझे बताकर लिखूँ,
कुछ तुझे सुनाकर लिखूँ,
लिखूँ तो कोई बात लिखूँ,
लिखूँ तो कोई रात लिखूँ,
कभी अपने जज़्बात लिखूँ,
कभी कोई मुलाकात लिखूँ,
रोज़ लिखूँ तो कुछ नया नहीं,
तो बस पल कुछ खास लिखूँ।
तो बस पल कुछ खास लिखूँ।
~आस्था-
सफ़र सा लगा नहीं, बीच में न रुका कहीं,
मंज़िल लापता थी, पर वक्त चलता गया।
~आस्था-
प्यार तो तेरा मेरा अमर है न,
पर इंतज़ार खत्म न हुआ मेरा।
गोपियों संग तू रास रचाता,
तो राधा कैसे न जलती, ओ कान्हा।
चाहत तो आज भी है, तुझे पाने की,
बसता आज भी तू ही, मेरे नयन सागर में।
काश, राधा होती मैं तेरी, ओ कान्हा।
काश, पनघट पे तू आता मेरी, ओ कान्हा।
कलाई पकड़ता मेरी, ओ नटखट कान्हा!
ज़िन्दगी की रासलीला में,
मैं तेरी राधा, और तू मेरा कान्हा!
~आस्था-
INDEPENDENCE
The contribution of lives, Countless.
Sacrifices by saviours, Unimaginable.
Whose contribution? Irrelevant!
Outcome of the revolt, Priceless.
Grief of losses, Infinite.
What was the outcome?
INDEPENDENCE
(Continued in Caption...)
~Aastha Gupta
@hatched_feelings-
कुछ तोहफ़े जन्मदिन पर
हँसे तो परी सी लगे, बातों में लगे सयानी,
चित स्थिर, भाव मधु, कलम दीवानी है।
नाम जिसका आस्था है, जयपुर से वास्ता है,
आज के थी दिन जन्मी, उसकी ये कहानी है।
(पूरी कैप्शन में...)
~आशीष भैया की कलम से
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*चित्रकारी का चित्रण*
एक एक शब्द है,
स्याही के प्रमाण सा।
एक एक भाव है,
मन पर गहरा प्रहार सा।
(पूरी कैप्शन में...)
~आस्था गुप्ता
@hatched_feelings-
The Hypocritical Personality
Humanity existed long ago,
Now what exists is
The veneer personality.
(Read in Caption...)
~Aastha Gupta
@hatched_feelings-