ये वक्त के साथ वो लोगों को भी दूर होना पड़ता हैं ,
जनाब,
कभी हमने था किया साथ शुरू वो सफ़र की सियाहत अपनी!
-आशु-
вυт иσт ιи a яєℓαтισиѕнιρ😄😄
мαтнѕ ℓσνєя ❤💪😁😇
👉🏻мαтнємαтι¢ѕ... read more
सच ही तो हैं कि किस्मत ने हर वो चीज़ को खोया
जिसमें शौक शामिल हो ,
बस लोग इसे तजूर्बे में कुछ और ही कहते हैं ।।
-
A silent person exists in two forms First , he laughs even after tolerating everything and second, he remains quiet till at the right time.
-
ए ख़ुदा वो इल्जाम -ए-फरियाद कहां रज़ियत करूं ;
इन कायदों में मुजिरिम भी खुद को ही साबित अगर कर दूं !
गर ए-रुह़सत हैं मेरे मन की वो तस्वीरें बयां कर ही देना ,
तो उन अश्क की वो तल्ख़ में कौन फ़रियाद ही अब करूं ।।
-
ऐ आने वाले वक्त तु मेंरा वज़ीर बन तो सही ;
अपने ताबीर-ए-नक्स का वो आईना खुद बना लूंगा।।
-
उन उदासियों में जीना , अकेलापन थोड़ी हैं ;
दर्द -ए-ख़याल-ए-जिदंगी में जीना वो मरहम सीखा जाती हैं।।-
कहे थे न ऐ ग़ालिब हमारे मुस्तकबिल-ए-दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी रहेंगे ,
जो वजा़हत से नहीं एक अलग ही वो नजरियां पेश करेंगे।।
~ आशु ✍️❤️😎
-
राहें में हाथ कोई भी थाम सकते हैं ,
चलना तो अकेला ही हैं "मेरे मुशर्रफ" !
~आशु ✍️
-
मैं कारगिल हुं।
शहीदों की एक याद हूं ,
रोते मां का मैं एक दिल हूं ,
गुमनाम महफ़िल में मैं सज़ा ,
आसमां का चादर ओढ़ा ,
मां भारती का एक रखवाला हूं ।
मैं कारगिल हुं।
शहीदों की कुर्बानियों की ,
मैं एक प्रतिक हूं।
कई घरों का बेटा तो ,
कई का मैं पति बन ;
मैं इस जमीं में खोया हुआ ,
उनके लहु से सींचा हूआ ,
इतिहासिक घटना का एक याद हुं ।
मैं कारगिल हुं ।
हां , मैं कारगिल हुं।।
अश्वनी ✍️🇮🇳
-
Life is like as (π)
There has in two parts , first as dependable values 22/7 indiacates is your easiest the part of life with without fear ..... ; But 2 nd complicated approximation unique rational value (3.14....) is depend on your problem to achieve success of real life in future.
Happy Pie Approximation day (π)🥰🫠
-