होइ मि पहाड़ी छू
आपन भास बोलन मे शरम मानछा..
अंग्रेज़ी बोलनि कैई होशियार समझछा
छोड़ बैर पहाड तुम देश निस जा छा
कब्भै हमर संस्कृति के याद करछा?
मिलनि हुनेलि अंग्रेजी बोल बेर असल कमाइ
पर गना ...कबब्भे तुमुल आपनि भास वों सुनाइ?
कब्भै तुमुल वों करछी यों कि बड़ाइ?
ना गना....तुम ते कौला "आई एम फीलिंग शाय!"
तुम मिके एक बात बता...
दुहरे राज्या मानस यो भास कला ना पचानना..?
चार मानसा मुख थै तुम पहाड़ी ना बोलना..
अंग्रेज़ी बोल बैर आफु कै महान देखाला...
ना बोलनियु कैइ भास कै मि घिन्नो..
ना कुनियूँ कि तुम बस पहाड़ी बोल...
मि चाछू कि पहाड़ी कि लै पचाण बना..
हर कोइ ये भास के लै सुनै..
इज़्ज़त मेर मन मे ऊ हिंन छै...
जु छाती ठोक बैर कौल
"होइ मि पहाड़ी छु.. होइ मि पहाड़ी लै बोलछु"
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