होइ मि पहाड़ी छू
आपन भास बोलन मे शरम मानछा..
अंग्रेज़ी बोलनि कैई होशियार समझछा
छोड़ बैर पहाड तुम देश निस जा छा
कब्भै हमर संस्कृति के याद करछा?
मिलनि हुनेलि अंग्रेजी बोल बेर असल कमाइ
पर गना ...कबब्भे तुमुल आपनि भास वों सुनाइ?
कब्भै तुमुल वों करछी यों कि बड़ाइ?
ना गना....तुम ते कौला "आई एम फीलिंग शाय!"
तुम मिके एक बात बता...
दुहरे राज्या मानस यो भास कला ना पचानना..?
चार मानसा मुख थै तुम पहाड़ी ना बोलना..
अंग्रेज़ी बोल बैर आफु कै महान देखाला...
ना बोलनियु कैइ भास कै मि घिन्नो..
ना कुनियूँ कि तुम बस पहाड़ी बोल...
मि चाछू कि पहाड़ी कि लै पचाण बना..
हर कोइ ये भास के लै सुनै..
इज़्ज़त मेर मन मे ऊ हिंन छै...
जु छाती ठोक बैर कौल
"होइ मि पहाड़ी छु.. होइ मि पहाड़ी लै बोलछु"-
सरहद
जाने ये कैसे समय में हम जी रहे हैं
कटु वचनों का भण्डार लिए सभी खड़े हैं
हर तरफ बस मतभेद हो रहे हैं
एक दूसरे का राज्य छीनने की होड़ है
ऐसी झड़प करके मिलता न जाने कैसा सुकून है
इसी के चलते सरहद पर होते कितने हमले हैं
आये दिन तिरंगे पर कितने वीर लिपटते हैं
सरहद के दायरे भी अब बदल रहे हैं
अब घरों में भी लोग सीमायें बना रहे हैं
परिवार जनों में आपसी मतभेद है
पर क्या किसी को भी इस पर खेद है
लोगों के हृदय में भी सरहद बन चुकी है
सीमा पार होने पर कटुवचन रूपी गोलियाँ बरसती हैं
दो धर्मों में भी आपसी मतभेद हैं
भूल चुके हैं कि सबसे प्रधान हमारे कर्म हैं
मनुष्यों का हिंसा भाव बढ़ता जा रहा है
आपसी संबंधों को तोड़ता जा रहा है
दौलत शोहरत है बन रही सबका सहारा है
न जाने कहाँ खत्म हुई लोगों के बीच की वो प्रेम भावना है
एक दिन ऐसा भी आएगा
पूरा विश्व इन्हीं मतभेदों के कारण नष्ट हो जाएगा।-
वो नारी है
मत दो पढ़ाई लिखाई में ध्यान
बचपन से सिखाया जाता कि करना काम
तुम्हें होना चाहिए बस घरेलू काम का ज्ञान
पर बन रही अब वो है देश की शान
अब तरक्की उसकी छू रही आसमान
करना पड़ता काफी अड़चनों का सामना
पर उसने नहीं छोड़ा आगे बढ़ना
आज कोई बेटी डॉक्टर तो कोई इंजीनियर है
कुछ पायलट है तो कुछ चाँद पर भी है
एक अफ़सर भी बेटी है तो कोई माँ भी बेटी है
कभी वो दुर्गा तो कभी वो काली है
अब सबसे ऊपर ओहदे में नारी ही है।-
A without oil bike we feel like everything being stopped but forget that to move forward we need to fuel it❤
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वीर सपूत
अनगिनत वीर हैं इस देश की शान
सभी ने बढ़ाया इस देश का मान
खींचना चाहूंगी उनकी तरफ़ आपका ध्यान
"कोरोना वारियर" दिया गया उन वीर सपूतों को नाम
अधिकार है उनको भी पाने का सम्मान
कुछ हैं पहने हुए सफेद पोशाक
तो कुछ हैं खाकी वर्दी में
कुछ हैं साधारण वेश भूषा में
बाकी समाज सेवक हैं
स्वयं को वो पीपीई किट में बांधे हैं
साँस लेने में दिक्कत होती है फिर भी खड़े हैं
कुछ करते हैं नवजीवन प्रदान
तो कुछ करते हैं भूखे तक भोजन पहुचाने का काम
निःस्वार्थ मन से करा सबका उत्थान
जानते थे कि खतरे में है उनकी भी जान
फिर भी अपना पराया भूल कर करा काफ़ी योगदान
कुछ ने जीवन तो कुछ ने किया भोजन पानी दान
चिंता नहीं थी उन्हें स्वयं की
लगन थी उनमे कर्तव्यों का पालन करने की
मूर्त है वो सच्ची मानवता की
दुसरो का जीवन बचाना ही इनकी इच्छा है
इनका काम ही इनकी पहचान है
सभी "वीर सपूतों" को मेरा प्रणाम है
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कि इंसान की गलतियों को माफ़ कर दिया जाये..क्योंकि हर किसी चीज़ की एक हद होती है और अगर उसको बार बार नज़रअंदाज़ करा जाए तो वही गलती उस इंसान की आदत बन जाती है..जिसे बाद में सुधारना मुश्किल हो जाता है..
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My mind becomes a devil..and...provokes me to recall each and every thing i have gone through......
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I decided to get out of problems in my life because from my childhood it was taught that if once I decide to come out of a problem I will have to leave all the sorrows and sadness behind to make a good start from new point again and make myself strong enough to deal with the situation.
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The first rays of sun because they are always purest and they admire us to leave away the darkness of night and our mind and make a fresh start every morning😌😌♥️
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Whenever we realise our "MISTAKE"..we must never think it's too "LATE".. Because the time we realize it becomes a "KEY" to problem we are stuck into...and it gives us a "LESSON" for not locking ourselves in the same door "AGAIN"...As each time it becomes "HARDER" to find the lost "KEY"..
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