डोर, पतंग, चरखी सब कुछ था,बस उसके घर की तरफ़ हवा न चली.. -
डोर, पतंग, चरखी सब कुछ था,बस उसके घर की तरफ़ हवा न चली..
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जब लोग आपसे पूछते हैं कि आप क्या करते हैं,तो असल में वो हिसाब लगा रहे होते हैं किआपको कितनी इज़्ज़त देनी है -
जब लोग आपसे पूछते हैं कि आप क्या करते हैं,तो असल में वो हिसाब लगा रहे होते हैं किआपको कितनी इज़्ज़त देनी है
किसी भी रिश्ते की उम्र इस बात से तय नहीं होती कि,वो कितने साल चला,बल्कि इस बात से तय होती है कि,उसका कितना सामान तुम्हारे पास है... -
किसी भी रिश्ते की उम्र इस बात से तय नहीं होती कि,वो कितने साल चला,बल्कि इस बात से तय होती है कि,उसका कितना सामान तुम्हारे पास है...
कोई मेरे बारे में ग़लत कहेतो उससे पूछनाठीक से जानते भी होया यूं ही मन हल्का कर रहे हो. -
कोई मेरे बारे में ग़लत कहेतो उससे पूछनाठीक से जानते भी होया यूं ही मन हल्का कर रहे हो.
बिछी रहने दो बिसातें, अभी ये खेल चलने दो,बाज़ी हाथ में नहीं है तो क्या, चालें याद हैं अब भी. -
बिछी रहने दो बिसातें, अभी ये खेल चलने दो,बाज़ी हाथ में नहीं है तो क्या, चालें याद हैं अब भी.
किसी की बात कोसमझने के इरादे से सुनना चाहिए,न कि जवाब देने के इरादे से. -
किसी की बात कोसमझने के इरादे से सुनना चाहिए,न कि जवाब देने के इरादे से.
मेरा मिज़ाज ग़ुरूर नहीं, पहचान है मेरी,जो ना समझ सको तो,किनारा बेहतर है... -
मेरा मिज़ाज ग़ुरूर नहीं, पहचान है मेरी,जो ना समझ सको तो,किनारा बेहतर है...
नज़र में इशारे औरचेहरे पर नक़ाब होता है,अजी थोड़ा थोड़ा तोहर कोई ख़राब होता है. -
नज़र में इशारे औरचेहरे पर नक़ाब होता है,अजी थोड़ा थोड़ा तोहर कोई ख़राब होता है.
मुझे नहीं पता मैं इंसान कैसा हूँ,लेकिन जो भीमुझसे एक बार मिलता है,एक बार याद ज़रूर करता है -
मुझे नहीं पता मैं इंसान कैसा हूँ,लेकिन जो भीमुझसे एक बार मिलता है,एक बार याद ज़रूर करता है
ये साल का आख़री महीना चल रहा है,कोई रह गया हो,तो वो भी अपनी औक़ात दिखा सकता है. -
ये साल का आख़री महीना चल रहा है,कोई रह गया हो,तो वो भी अपनी औक़ात दिखा सकता है.