ज़्यादा कुछ चाह नहीं है हमारी हम तो बस तुम्हे पाना चाहते है| वक़्त काफी गुज़र गया बगैर तुम्हारे अब तुम्हारी याद में आंसू बहाते है| और हमने तो मंगा है तुमको हर दुआ में जब जब उस खुदा के दर पर अपना सर झुकाते है
के......... अधुरी सी थी मोहब्बत हमारी हम भी अधूरे थे अब तुम्हें पाकर कामिल होना है नहीं होना शारिक झूठी महफिलो में हमें तो बास तेरे हर वक्त में शामिल होना है
के...... क्या कहे कि मोहब्बत इतनी है तुमसे कुछ लफ्ज़ो मे बया कर ना पाएंगे बस एक तम्मना है दिल की साथ रहना आखिरी दम तक हमारे क्योंकि बिना तुम्हारे दीदार के हम तो मर भी ना पाएंगे
के.... बादल की तरहा हमारी आँखे भी बरस रही है इन आँखों को बस तुम्हारा ही इन्तज़ार है ए खुदा अब तो एक पल भी जीना मुमकिन नही उनके बिना ऐसा लगता है बिना उनके ,जिंदगी बेकार है और कुछ लोग कहते है "दिखावा" अरे जनाब वो सच्ची मोहब्बत है हमारी और जिंदगीभर का प्यार है