के......
अपने ही ज़ख्मों को हमे कुछ इस तरह कुरेदा है
ज़ख्म के हर कतरे मे
ज़ख्म देने वाले का चेहरा दिखाई पड़ रहा है
!!!!-
जख्म बहुत लगे है दामन मे हमारे
तुम ज़रा मोहब्बत का मरहम लगाने आओ तो सही
।।।।-
के.....
ये खामोशी तुम्हारी
हमे बहुत सता रही है
तुम कुछ कहो या ना कहो लफ्ज़ो से
मगर नज़रे तुम्हारी सब बता रही है
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के.......
कितना हसीन है ये चेहरा
माशाल्लाह खुदा से क्या नूर पाया है
हम शुक्रगुजार है उस खुदा के
जो तुमको हमारे दिल के पास लाया है-
के......
क्या कहे कि मोहब्बत इतनी है तुमसे
कुछ लफ्ज़ो मे बया कर ना पाएंगे
बस एक तम्मना है दिल की
साथ रहना आखिरी दम तक हमारे
क्योंकि बिना तुम्हारे दीदार के हम तो
मर भी ना पाएंगे-
के......
एक चाहत को हमारी बडी शिद्दतो से आज
खुदा ने कुबूल किया है
तुमसे मिलाया जो खुदा ने
हमने कहा वाह मेरे मौला इस फ़कीर को क्या नज़राना दिया है-
के....
बादल की तरहा हमारी आँखे भी बरस रही है
इन आँखों को बस तुम्हारा ही इन्तज़ार है
ए खुदा अब तो एक पल भी जीना मुमकिन नही उनके बिना
ऐसा लगता है बिना उनके ,जिंदगी बेकार है
और कुछ लोग कहते है "दिखावा"
अरे जनाब वो सच्ची मोहब्बत है हमारी और जिंदगीभर का प्यार है-
अरे.....
सुनसान है वो दिल का हर ज़रा ज़रा जिस पर हिंदुस्तान लिखा ना हो
और वो आशिक भी क्या आशिक बनेंगे जिसने अपने वतन से इश्क करना सीखा ना हो-
अरे सुनो ना
उदास क्यो हो बताओ तो सही
चोटे जो दी है दुनिया वालो ने ज़रा दिखाओ तो सही
अजी सच्ची मोहब्बत कि है आपसे
तुम्हारे हर दर्द को हम अपना दर्द बना लेंगे
हमे अपना हमदर्द बनाओ तो सही-
के....
कसूर क्या है हमारा बताओ तो सही
अजी खता क्या है हमारी बोलो तो सही
और अगर बेकसूर है हम
तो हमारे दिल पर अपनी अदाओं का खंजर क्यो चला रही हो-