Aashi Pawaiya  
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Joined 13 January 2020


Joined 13 January 2020
20 APR AT 20:44

आज हमारे मार्गदर्शक
पूजनीय श्री पिता जी श्री बागमल जी पवैया की 27 वि पुण्य तिथि है । वे समाज के प्रथम नेत्र दानी है उन्होंने उत्कृष्ट भक्ति अराधना में अपना समय व्यतित किया की जब मरण को प्राप्त हुवे तो जिनालय जी में ही अपने प्राणों को त्याग करा।

ऐसे महान जीव को याद करते हुवे, उनके जितनी भी आराधना कर पाने का आशीर्वाद मिल जाय तो हम भी हमारा मरण सही तरीके से समाधि मरण तक ले जा पाएंगे।
उनका समाज वा गुरुजन,भगवान के प्रति समर्पण हमारे अंतरंग में भी उतर सके।


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13 APR AT 18:17

Hello everyone

I'm a Psychologist and Psyche energy reader,
Reikist and a motivator.
So if you know anyone who needs these services or maybe you need it.

So can connect on- Ashray_astro or on watsapp - +91 9340216182
-Ashi Jain

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24 MAR AT 0:43

This msg is for all those
Who are planning for Holi and poking me.
Please its a hand folded request 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
do not drag me onto this,as for me this Holi is only for my inner peace,

मेरे गुरुवर भगवअंत की स्मृतियों के साथ में होली मनाना चाहूंगी,
उनको ही बस ध्याना चाहूंगी।
नहीं चाह मुझे किसी से मिलने की, नहीं चाह मुझे बाहर से रंगने की, में मेरा अंतरंग रंग चुकी हु, गुरु चरणों में ध्या के।

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19 MAR AT 18:24

Respect for one's name is a prerequisite for receiving respect itself

The tree is fundamental to your artistic and intellectual endeavours

You should always bow to the one who has shaped you and showed you your capabilities

Name - fame comes to those
who do not crave for it and
holds the hands of their superior one's!

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19 MAR AT 15:56

में बड़े बाबा को ध्या रही थी,
मेरे छोटे बाबा स्वस्थ हो रहे, ऐसी भावना भा रही थीं।

मेरे बाबा को मोक्ष की आस सब कुछ त्यागने कह रही थीं।
में बड़े बाबा अर्हंम नमः कह रही थीं।

मेरे छोटे बाबा को त्याग भाता जा रहा था।
हर दिन आहार घट रहा था।

एक दिन ऐसा आया की एक अंजुलि जल में आहार पूर्ण हो गया।

अगले दिन निर्जल हो गया
अगले के अगले दिन पुनः निर्जल हो गाया।

फिर मोक्ष मेहेल की ओर विहार ओम णमो जिणाणं के स्वर में लीन।

अन्यत विहार करते रहें गुरुवर, हम आस लगाए रह गए गुरुवर।
आप आसमान से बिखर गए। स्वर्गों में वास करने निकल गए।

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16 MAR AT 23:24

श्री नेमिनाथ झिरनो मंदिर जी,
भोपाल🙏🏻

कल से अषटानिका पर्व प्रारंभ होने जा रहा है।

पर्व के सानिध्य में सिद्ध चक्र महामंडल विधान १७ मार्च से २५ मार्च तक रखा गया है।

भक्ति में सब सम्मलित होकर आराधना करके धर्म लाभ ले बावन जिन चेत्या लय और नंदीश्वर द्वीप जी की वंदना करे।

आप सभी सपरिवार - मित्र सहित सादर आमंत्रित हैं।

🙏🏻🙏🏻जय जिनेन्द्र 🙏🏻🙏🏻

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15 MAR AT 0:21

People who do not accept their mistakes should be removed out of the life

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11 MAR AT 2:28

अष्टानिक पर्व आने वाले हैं साथ में हमे पुनः गुरूदेव के दर्शन प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सकता है।
भगवान की आराधना हमसब के आराध्य गुरुवर वही जाके पर्व मनाएंगे और हम यहां से।
क्योकि इस बार वे अष्टम द्वीप नंदीश्वर मे गुरुदेव स्वयं होंगे,
अभी तक वे पृथ्वी से आराधना करते थे। अब वे स्वयं वहा रहकर आराधना करेगें।

अष्टानिक पर्व मे पवित्र बावन जिनालय के साथ अपने गुरुवर को भी हमसब को मिलकर ऐसे भावना है की वे अपने विक्रिया ऋद्धि से एक और शरीर बना कर हम सबको दर्शन देने आजाए और हमारा मन जो बार बार याद दिलाता है की गुरुवर मोक्ष मार्ग के लिए गमन कर गए अब नहीं मिलेंगे ऐसा न सोच, किंतु हर बार उन्हें पर्व में तो हम उन्हे देख सकें।

ये 8 दिन ही ऐसे है जिसमे ये हमे निश्चित पता है कि हमारे गुरुदेब कहा पर होंगे।

बाकी दिनों मे तो वे अन्य स्थानों पर जैसे सुमेरु पर्वत, सीमंधर स्वामी के समवशरण, पर या सिद्ध, केवली या तीर्थंकर की सभा में होंगे, या अपने पुण्य फलों का भोग कर रहे होंगे

ये ही 8 दिन अपने गुरुदेब निश्चित स्थान नंदीश्वर द्वीप मे मिलेंगे और इसी समय में ये शुभ योग हैं
की हम अपने आराध्या के दर्शन कर पाएंगे
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻😇🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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5 MAR AT 1:24

When you give too much of yourself
Find the deserving one not everyone deserves your too much efforts

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26 FEB AT 20:47


गुरूदेव आपको देखते थे तो हर पल बड़े बाबा की छबि दिखा करती थी।
आपकी भक्ति बड़े बाबा की देख कर हम हर्षित होते थे।
श्रृद्धा बढ़ती चले जाती थी।
अब समय गुरूदेव को देख के आप ही आप याद आते हो।

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