Aashana Singh   (Aashana Yadav)
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Joined 21 April 2022


Joined 21 April 2022
5 APR AT 19:50

एतबार इतना कि तेरे लिए रुसवा हो जाऊ,
इश्क इतना कि तेरे सामने जिस्म पर एक भी ना लिबास न रख पाऊं।
लिहाज़ इतना कि तू भीड़ में हो और मैं नज़र तक न उठाऊं,
खयाल इतना कि तेरे खुशी की खातिर तुझे नज़र तक न आऊं.......😢💔🥀

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25 MAR AT 9:06

तेरे रंग को जो ढक सके ऐसा कोई गुलाल नहीं है,

हमारी होली तो क्या ज़िन्दगी बेरंग है
क्योंकि हमारी किसी से बोलचाल नहीं है😢

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22 MAR AT 21:19

अब शिकवा गिला कैसा,
कोई पत्थर सा बन बैठा तो कोई मोम सा पिघला,

ज़िंदगी की बेरहमी से बस इतना सा ही सीखा
कि मिलकर बिछड़ गया कोई अधूरा रह गया कोई,

कोई जाकर लौट आया करता था वो दौर और था,
अब कोई आकर भी नहीं आता ये दौर और है

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22 MAR AT 20:24

कल तक जो मेरी वफ़ा का दीवाना हुआ करता था,
आज उसे मेरे वजूद से ऐतराज़ होने लगा है

सारी खुशियां उजाड़ दी मैंने जिस शख्स की खातिर
आज वो शक्स मेरे अंदर ही अंदर बेगाना होने लगा है

कमाल उसका कैसे बयां करूं,
वो कहता था मेरे छोड़ जाने के बाद तुम कभी रोना नही...
आज उसी शख्स को मेरा मुस्कुराना ज़हर लगने लगा है😭💔 🥀

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5 MAR AT 7:51

बाहें खोलकर रहने दो,
कुछ वक्त तो लगेगा उन्हें चमकने में

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3 MAR AT 17:29

एक एक लम्हा एक अरसे सरीखा गुजर रहा है
मानो ज़िंदगी अब ज़िंदगी के आखिरी पड़ाव पर है.....😢

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24 FEB AT 20:50

मां बाप तो मिले लेकिन परिवार न मिला,
कोई हाल समझ सके दिल का ऐसा कोई यार न मिला।

बहुत उम्मीद थी कि कोई शख्स तो समझेगा शायद,
जो मेरा बनकर रह पाता ऐसा कोई वफादार न मिला।

अब किसी से शिकवा गिला बाकी भी नहीं रहा,
मैंने जिसको भी अपनाया उनसे ही मुझे प्यार न मिला।

सबने कहा तुम पर भरोसा है मुझे लेकिन,
किसी से दिल खोलकर कह पाऊं ऐसा ऐतबार न मिला

हां मुझे किसी से प्यार प्यार न मिला.....😔💔🥀

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20 FEB AT 18:18

ज़िंदगी तू चलती रह, तुझसे अब सवाल कैसा,
जब वक्त पे सबकुछ छोड़ा है, तो फिर मलाल कैसा,

बड़ी मशक्कतो से सुलझते हैं उलझे रिश्ते,
सुलझाने में गर टूट जाए..,तो फिर बवाल कैसा,

परेशान हूं खुद में ही खुद से आजकल,
गैरों की छोड़ो अपने भी नहीं पूछते हैं, है हाल कैसा?

ज़िंदगी तू चलती रह, तुझसे अब सवाल कैसा.....

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30 JAN AT 23:31

जब वो सबकुछ जान लेता है
तब वो सच में जान लेता है......

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30 JAN AT 23:24

निकल जाए कोई छूकर हवा के जैसे तो फिर मलाल कैसा,
किसी के ठहरने की हमने भी कोई ख्वाहिश नहीं रखी....

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