i was in seventh standard . Where I used to enjoy myself and used to postpone saying everything that matters .And I used to be happy with my little wish . Where there was no wisdom and no folly . I used to walk whichever way I found and I used to do everything in my childhood with a little courage and bravery . Where only the dreams of my dreams used to come . Where there was neither much friendship nor much anger . Just wanted to be happy little happiness. That too was a time that passed. And I miss that childhood.
" हौसला" मैं बन परिंदा उड़ जाऊंगी, मैं रख हौसला कुछ कर जाऊंगी। मैं खुले आसमां में अभी ना उड़ पाऊंगी, मैं रख हौसला अपना एक आसमां बनाऊंगी। मैं बंद कमरे में अपना हुनर बढ़ाऊंगी, मैं रख हौसला अपने हुनर को दिखाऊंगी। मैं रह अकेले ही ख़ुद को समझ पाऊंगी, मैं रख हौसला फ़िर सबको समझ आ जाऊंगी। मैं बंद किताब ना बन पाऊंगी , मैं रख हौसला किसी को इसे पढ़ाऊंगी। मैं बांध हिम्मत सबसे लड़ जाऊंगी, मैं रख हौसला किसी की हिम्मत बन जाऊंगी। मैं नादान भले ही कहलाऊंगी , मैं रख हौसला एक दिन समझदार भी दिख जाऊंगी। मैं खा ठोकरें उठ जाऊंगी, मैं रख हौसला पत्थर सा मजबूत बन जाऊंगी ।
मन को एकत्र कर , शक्ति को अपने हासिल कर, सेहत पे ज़रा गौर कर , अपनो में खुशियां बांट कर , सोच को और मजबूत बना कर , हर कठिनायों को पार कर, अपनी मुश्किलों को सुलझा कर , समय का सदुपयोग कर, अपने सपनों की ओर कदम बढ़ा कर, आगे का रास्ता बना कर, हर पल कुछ सोच कर , यूंही, सुकून के पल को हासिल कर ।।
" वो दिन दूर नहीं "... जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे , सब्र रख ख्वाहिशों में .... वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे। वक्त मिला है तो ख़ुद में खो जायेंगे , वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगें । हर रोज़ कुछ नया सोच कर जाएंगे , वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे । हर सुबह अपनी मुस्कान को बिखराएंगे, वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे। हम चांद और सूरज से हर बार सीख जाएंगे , वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे। हर कदम कदम पे हौसले को और मजबूत बनाएंगे, वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिखिलाएंगे। मन की मर्जी हम अब भी कर जाएंगे , वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे। हम सब दुनिया को फ़िर से नया बनाएंगे , वो दिन दूर नहीं जब हम फ़िर से खिलखिलाएंगे।
MY FRIEND ASKED TO ME ___& WHERE CAN I SAY MY UNTOLDS THINGS ___??? I SAID - I'M YOUR DIARY YOU CAN SHARE ANYTHING WITHOUT ANY FEAR AND HESITATIONS . BUT DON'T TEAR ME LIKE A PAPER .😄