Aarti Patel   (आरती 'अक्स')
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be what u want to be not others want to see....@
Insta id - aartip242
DoB - 22june
Joined 17 June 2018


be what u want to be not others want to see....@
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DoB - 22june
Joined 17 June 2018
11 APR AT 10:36

श्वांस भी तुम, हर आस भी तुम
इस जीवन का आभास भी तुम
तुमको मन ढूंढें कण कण में
दूर भी तुम और पास भी तुम....@
ये चमक ये दमक, जीवन में महक
सब कुछ सरकार तुम्हई से है.... 🙏🙏
हर हर महादेव 🔱

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9 JUN 2023 AT 20:41


अपनी गलती माने कौन,
अपना पराया ना जाने कौन,
किस शय में है कौन छुपा,
काल देख रहा होकर मौन... @

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18 DEC 2022 AT 9:17

काश कोई मुझे किनारों की तरह छू जाये,
काश कोई ज़ेहन की गहराइयों में उतर जाये,
कभी कहीं तो मिलता होगा ये अम्बर धरती से,
काश कभी लम्हा थमें और वक्त गुजर जाये... @

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14 NOV 2022 AT 12:45

जन्म भी शिव मृत्यु भी शिव
पाप भी शिव पुण्य भी शिव,
शिव है विरागी शिव अनुरागी
शिवमय है काशी शिव कैलाशी,
शिव है दिगंबर शिव बाघंबर
शिव में समाये धरती अम्बर,
शिव है सुंदर शिव भयंकर
शिव में विलय हैं सात समंदर,
तन में शिव है मन में शिव है
जीवन के हर क्षण में शिव है,
साकार भी शिव निराकार भी शिव
सनातन का आधार भी शिव,
अंत भी शिव अनंत भी शिव
रुद्र भी शिव है संत भी शिव,
सौम्य भी शिव विकराल भी शिव
महादेव, आशुतोष, महाकाल है शिव... @

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12 OCT 2022 AT 11:04

भूलकर भी हमें भुला ना सकोगे,
दूर जाकर भी दूर जा ना सकोगे,
रहेगें हम आपके इतने करीब कि,
चाहकर भी हमें पा ना सकोगे... @

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8 SEP 2022 AT 12:50

ना जाने ये कैसे सिलसिले हुए
ना हम तेरे रहे ना ही ख़ुद के हुए... @

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7 AUG 2022 AT 20:36

लबों पर हंसी आंखें हैं नम,
क्या हाल है कैसे बतायें हम...@

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2 AUG 2022 AT 14:42

ॐ नमः शिवाय

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6 JUL 2022 AT 12:00

जो हासिल नहीं वो साहिल क्यूं है,
जो धड़कन नहीं वो क़ातिल क्यूं है,
कई दफ़ा सोचा समझ ना आया अब तक,
जो मेरा नहीं वो मुझमें शामिल क्यूं है... @

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13 JUN 2022 AT 7:29

तुम हो जीवन तुम ही काल हो,
तुम हो त्रिलोचन तुम ही महाकाल हो,
तुम हो आदि तुम ही अनादि हो,
तुम हो अंत तुम ही अनंत हो,
तुम हो दिगंबर तुम ही बाघम्बर,
तुम में समाये हैं ये धरती अम्बर,
तुम हो विरागी तुम ही भस्मांगी,
तुम हो कैलाशी हर घट के वासी,
मस्तक पर है चंदा साजे ,
जटाओं में हैं मां गंगा विराजे ,
तुम हो सृष्टि तुम ही दृष्टि ,
तुम से ही है मेरी भक्ति ,
तुम हो साया तुम ही दर्पण ,
मेरा तन मन सब तुझको समर्पण,
तुम हो जवाब तुम ही सवाल हो,
तुम ही सबकुछ मेरे महाकाल हो... @

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