ना दुनिया हम से ख़फ़ा है ना हम दुनिया से ख़फ़ा है है तो ये राज की बात फिर भी सुनो हम बस अपने आप से ख़फ़ा है और बाक़ी सब की क्या ही सुनाए दास्ताँ ये दुनिया तो बस वही तक चलती जहाँ पर उनका कुछ नफ़ा है 🙆🏻♀️
सुनो, क्या कभी महसूस किया है दिल का ख़ाली हो जाना दिल की धड़कनों का अचानक से रुक जाना जैसे एक लम्हे के लिए किसी अपने संग मौत से मिल कर वापस ज़िंदगी में लौट आना यक़ीन मानो उस वक़्त ख़ुद की धड़कने ही दिल में दर्द भर देती है पल-पल चलती साँसे जैसे बोझिल सी हो जाती है….
सोचा था करेंगे तुझसे बातें तमाम कर देंगे सभी शामें तेरे नाम कभी वक्त ने साथ नहीं दिया कभी तबियत नासाज़ रही अब किस-किस को दोष देते फिरे कहीं ना कहीं हमारी भी कोशिशों में भी कमी रही
यहाँ के शाम की रंगत मैं ले आऊँगी तुम्हारे लिए तुम भी भेजना वहाँ से थोड़ा सी उजली सुबह हमारे लिए… बस दूरियाँ है कुछ ही समय के लिए फिर तो हम होंगे ही पास में एक दूजे के लिए!!
तुम्हारी तलाश में फिरते है मुरारी लेकर मुरलिया प्यारी-प्यारी फिर भी ना तुम्हारी झलक मिली है क्यों रूठे हो हमसे गिरधारी…. तुम ही सुन लो पुकार हमारी ओ मेरी सलोनी राधा प्यारी व्याकुल है नैन कबसे हमारे अब तो अंत करो प्रतीक्षा का हमारी।