हमारा कसूर क्या था
गलती सिर्फ इतनी थी
की ऐसे शख्स से
मोहब्बत कर ली थी
जिसे साथ चलना तो आता था
मगर साथ निभाना नहीं आता था
गम देना तो उसे आता था
मगर खुशी देना उस ने सिखा ना था ।
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रब से फिर तेरे लिए दुआ माँग लू
एक बार फिर दुआ में तेरी खुशियां माँग लू-
लिखने का शौक किसी को नही होता ,
गम और दर्द लिखना सीखा देती है ,
जब समझने वाला कोई ना हो ,
तो यही गम और दर्द खुद से बात करना सीखा देती है ।-
मुझे गम जमाने का नही था ,
तेरे दूर जाने का था,
जब तू साथ था तो ,
तूने विशवास तोड़ा,
दूर जाने के बाद ,
तूने मुझे तोड़ा ,
गलती क्या थी ,
बताया तो होता ,
बेवजह क्यों बिच में छोड़ा।-
माना कि हम ज्यादा बात नहीं करते ,
अपना हाल सबको बयाँ नही करते ,
हमें तलाश है सच्चे हमसफर कि ,
जो हर जगह मिला नही करते ।-
अपना बनाने कि चाहत है ,
तो बना ले तेरा बन जाऊं मैं ,
लेकिन साथ पूरी जिंदगी निभाना ,
नहीं तो टूटकर बिखर जाऊंगा मैं !-
मेरा दिल उस गुलाब में इतना खो गया ,
की उस में कांटे भी हैं ये तक भूल गया।-
फर्क नही पडता कि तू किसकी शान है ,
बस इतना कह दे की तू मेरी जान है ।-
भड़काने वाले बहुत मिलते है ,
समझाने वाला कोई नहीं ।
वादे करने वाले बहुत मिलते है ,
निभाने वाला कोई नहीं ।
प्यार करने वाले बहुत मिलते है ,
दिल से चाहने वाला कोई नहीं ।
दर्द देने वाले बहुत मिलते है ,
बांटने वाला कोई नहीं ।
यहाँ तोडने वाले बहुत मिलते है ,
संभालने वाला कोई नहीं ।-