अध्यात्म से आपको सोचने ओर समझने की शक्ति मिलती के, बंधन से मुक्त होना तो एक छल मात्र हे क्यूँकि साधु भी अपनी भक्ति मे अपने प्रभु से बंधा होता हे अर्थात् कर्म से बंधा होता हे । कर्म का बंधन सिर्फ़ मृत्यु ही तोड़ सकती हे ।
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हो सके तो आज किसी एक को पेट भर खाना खिला देना , अपको बहुत सुक... read more
बाद जाने के मेरे गुंजेगी ग़ज़लें मेरी ,
सन्नाटों मे भी तेरे शोर होगा मेरा ।-
वो जो बिस्तर मे कुछ देर मे निमट जाती हे,
तू समझता हे वो मोहब्बत हे लानत हे ।-
Raat din Osho ko sunta hu me...
Matlab aazad Ho Chuka hu me..
Aarav
Kisi maksaad ka murid nahi hu aab,
Khawaishon se anjaan Ho Gaya hu me..!!-
Chahta to Kai kahani ishq ki likh deta ....
Lekin mere liye tera kissa hi bhoot hai .!-
दर्द तो हे, लेकिन महसूस ही भी हो रहा ....
टूटा भी था लेकिन टुकड़े ग़ायब हे ...
ख़याल हे किसी का लेकिन चेहरा क्यू भी दिखता...
कमी सी लगती हे ... लेकिन तेरी कमी नहीं लगती ...
ओर अगर ये तुम नहीं हो तो कोन हे ???
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वो जो किताब लिखी थी मेने, जिसमे वो और मे हम हुए थे ।
वो कहनी ही रही बस, हक़ीक़त मे तो वो मुझे कबी मिली ही नहीं ।-
कोई भी स्वतंत्रता सिपाही ना होता,
अगर इंसान की कैद मे इंसान ना होता ।
कैद मे रख के सच्चाई वो चाहते हे मुझसे...मे भी झूट बोलू ,
क्यू बोलू मे झूट, झूट का कोई ईमान नहीं होता !
जी हजूरी कारु या अकेले रह जाऊँ,
क्या करु मुझसे ग़लत सहन नहीं होता ।
वो मुझे आतंकवादी कहते हे... कहने दो,
हर बार ग़लत जिहाद नहीं होता ।-
Kisi ki hifaazat ka junnon
Kisi ki chahat ke junnon
Se kai gehra hota hai ..!!-