सुनो समुन्दर !
तुम अपना कोई किनारा सूखा ऱखना
मेरे अश्कों को
मेरे घर मे अपना घर नहीं मिलता-
Aarav
(सखा एक अहसास)
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"लिखता वही हूँ जो मेरे मन मे होता है, वो नही जो मेरे जुबां पर होता है"
Joined 3 June 2017
23 MAY AT 10:44
17 APR AT 9:49
गुरुर था खुद पर इश्क़ ना हुआ कभी किसी से
उससे नजर मिली और सारा गुरुर चूर चूर हो गया-
14 APR AT 11:56
हम है सूखे हुए तालाब पे बैठे हुए. हंस ...
जो ताल्लुख को निभाते हुए मर जाते है-
23 FEB AT 1:27
हर एक कोसिस के बाद ....
उसने हमे ऐसे दूर किया
जैसे साँसे छीनी जाती हो जिस्म से-
21 FEB AT 20:18
मैं ये जानता हूं
तुम प्रेमिका ही रह सकती हो
पर यकीन मानो मैं आपको
सम्मान और अपने जीवन मे जगह
धर्मपत्नी वाली दूंगा-
21 FEB AT 20:16
मेरा और तुम्हारा इश्क़
कहानी कि किताबों मे नहीं ...
इतिहास के पन्नों पर दर्ज होगा-
21 FEB AT 20:13
आपको लगता है कहानीकार आया है
कहानी लिखेगा और चला जायेगा
मैं इतिहासकार हूं. ..
इतिहास लिख के जाऊंगा-
8 MAR 2024 AT 13:42
कितना कुछ कहना बाकि रह गया
पापा! आपके बिना सब कुछ अधूरा है
कितना कुछ करके दिखाना बाकि रह गया
पापा! आपके बिना सब कुछ अधूरा है-