बेज़ारी में भटकते हो, आखिर क्या पाया इन वास्तों से?
कभी राहें हमसे कहती हैं, कभी हम पूछते हैं रास्तों से।-
Grown, evolved in the town,
I chose the world, to see
I left the city and the city left me!-
कश्मक़श है, उलझनें हैं, मुश्क़िलें तमाम हैं
ख़्वाब हैं, हौसले हैं, मंज़िलें तमाम हैं।-
कब से मिलना चाह रही हूँ तुमसे, कब मिलेंगे हम? चलते चलते कितना वक़्त बीत गया, कहाँ हो तुम? और कितना चलना है मुझे? दूर कहीं, ठहरी हुई, ख़ूबसूरत सी तस्वीर नज़र तो आ रही है तुम्हारी, लेकिन रास्ता साफ़ क्यों नहीं दिखता?
ऐसा लग रहा है मानो, मैं किसी ट्रेन में बैठी आख़िरी स्टेशन का इन्तेज़ार कर रही हूँ और ट्रेन है कि देर पे देर किए जा रही है। मैं तो गूगल पर भी नहीं देख सकती कि मेरे पहुँचने का अनुमानित समय क्या है? निरंतर चलते रहने के आलावा विकल्प ही क्या है मेरे पास। लोग कहते हैं, कि तुम जितनी देर से मिलती हो, नज़ारा उतना ही ख़ूबसूरत होता है तुम्हारा, सच है क्या ये? बता दो मुझे, और कितना चलना बाक़ी है अभी।
मंज़िल से कहीं ज़्यादा ख़ूबसूरत सफ़र बेशक़ होता है, लेकिन मंज़िल के बग़ैर अधूरा भी होता है। अभी तक के सफ़र से बहुत कुछ सीखा भी है, जिसे तुम्हारे साथ मिलकर आज़माना चाहती हूँ मैं। ख़ूबसूरत सफ़र जी लिया है मैंने, अब तुम्हारे साथ जीना चाहती हूँ मैं। बहुत कुछ खो कर, ख़ुद को पा लिया है, अब तुमको पाना चाहती हूँ मैं।
विश्वास है मुझे कि जल्द ही मिलूंगी मैं तुमसे। मैंने हिम्मत नहीं हारी है, तुम भी हौसला रखना। सच है वक़्त से पहले और क़िस्मत से ज़्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता यही मानकर तुम्हारा इन्तेज़ार करती रहूँगी।
तुम्हारी आराध्या-
You are an incredible individual, with a heart full of kindness and a spirit that shines so bright! I wish you all the best on your journey, may your path be filled with success, happiness, and fulfillment. Your dedication and perseverance are truly inspiring, and I have no doubt you will achieve greatness. May all your dreams come true!
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कि तेरे जाने के बाद हमने बेज़ार-ए-इश्क़ का उसूल बना लिया,
ज़ुर्रत तो देखो, एक पत्थर ने एक पत्थर को फूल बना दिया
अब वो आरिज फूल भी इहतियाज़ नहीं बहार-ए-इश्क़ का,
नरगिस ने ख़ुद-अज़ीज़ी को मोहब्बत का उसूल बना लिया-
If we talk about life, everything that happens in this universe is random. Nothing has a logical explanation, things just happen. Similarly, in our lives, there's no logic behind every incident, we just have two options - either wonder "why did this happen to me?" or accept "that's life!" and move forward, remembering past lessons for future life lessons. But to believe in something, always remember karma or the law of attraction - what you put out into the universe will come back to you, every action, every thought and every intention, no matter through whom it returns.
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It was the month of May,
In midst of clouds when sun was about to show,
We parted ways under the sight of a rainbow.-
मेरा तुम्हारा साथ न होना,
मेरी ख़्वाहिशों में तुम्हारा एहसास न होना,
ये बातें अब मुझे निराश नहीं करतीं,
हारी हुई जीत की चाहत से,
इस मोहब्बत में हार मंज़ूर है मुझे,
अब तुम्हारी कमी भी तुम्हारी तलाश नहीं करती,
शब्दों से बयां तो कर ही ना पाए,
इन आँखों को तुम पढ़ सको,
इतनी भी अब ये आस नहीं करतीं।-
इक वादा है आज़माने का,
इक वादा है मिल जाने का
और इश्क़ तो हमसे बहुतों ने किया
पर ये वादा है इश्क़ निभाने का!-