उलझे उलझे हैं सुलझा लो सिध्द सरल हो जाउंगा,
पूर्णफलित या समाकलित या फिर अवकल हो जाउंगा,
सिर्फ निरन्तरता रखना तुम और जरा सा संयम भी,
अंकगणित के प्रश्नों जैसा मै भी हल हो जाउंगा।।-
महात्माओं की नगरी, गुंडों का देश।
बबुआ, हम हैं इलाहाबादी नरेश।।
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