मुझे महसूस होती है तकलीफ़े जो तूने दी है
चीर देती है मेरे कलेजे को जब तुम्हें याद करती है
और अब तो ईश्वर के सामने भी गिरने का मन नहीं करता
क्योकि मुझे पता है कि उसने मेरी किताब में सब बहुत अच्छा लिखा है
ये बदनसीबी तो मैंने खुद लिखी है
तो वो खुदा भी क्या ही कर लेगा मेरी खुद की लिखी किस्मत में
कोसुंगी उसे तब भी जी तो मेरा ही जलेगा
और तूने अपनी लकीरों की छाप जो मेरे जीवन में छापी है
ऐसा लग रहा है कि तेरी बदकिस्मती भी अब मुझे ही जीना है
क्योकि मांगा था उस हर जगह तुम्हें जहाँ मैने माथा टेका है
अब तो माथा टेकने का भी भय हो गया है
क्योकि धोखे से भी अब तुम्हे नहीं मांगना है
और ये मत सोचना कि किसी को तड़पाने से तू बच जाएगा
थोड़ी सी खुदा की रहमत तो मुझपर भी है
एक न एक दिन बुरा तेरा भी आएगा-
🌸 Plzz support me 🙏🥺❣️
अब यहाँ तक आ गए हो तो मेरे बारे मे भी... read more
तकलीफ ना लीजियेगा हमारे कदमो की आहट से,
ये जहन्नुम की ओर जा रहे है आपसे गुज़रते हुए-
मेरी तरफ से ये तोहफ़ा तुझे मुबारक हो
जुहन्नुम की आग मे जलती सी मै
पर, सालगिराह तुझे मुबारक हो
उभर नहीं पाई हूँ वो सालो पहले दिये हुए गम से
पर, पर सारे जहान् की खुशियाँ तुझे मुबारक हो
दी हुई सारी कस्मे तोड़ी थी तूने
पर, उसके साथ सात जन्मो का वादा तुझे मुबारक हो
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Har lamha mene tujhe is kadar chaha h
Fir bhi...
Mere ankho me anshu tere hone se hi aya h-
Hakikat me ya khyalon me
Bagon me ya rahon me
Barish me ya jade me
Kisi nadi kinare me
Taron ki unn raton me
Purani koi kitabon me
Zikr tera hi rahta he
Hamesha meri baton me-
तुम्हारे इंतजार में धरती-आसमान, रात-दिन, चाँद-तारे
सब कुछ भुलाया है ,
एक तुलसी का पेड़ लगाया था आँगन में
आज वो भी सूखने को आया है ।-
ना जाने संग कौन सी बला है आई
जब राहों में फूलो की बौछार पाई
पर जमाने को यह मंजूर नहीं था
कुछ दूर चलके ठोकरे भी खाई
जब अजनबी संग प्रीत लगाई-
रोम-रोम तू बसे "कान्हा", तुझसा ना कोई।
रोए-रोए बोले ये "राधा", तेरी वंशी की धुन सुन मै रोई।।-